छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

data privacy day 2023 : डाटा प्राइवेसी डे का महत्व और इतिहास - भारत में डाटा संरक्षण कानून

डाटा की गोपनियता सभी के लिए आवश्यक है. ऑनलाइन और डिजिटल तकनीकों पर बढ़ती निर्भरता को कम करने और उन पर एक बार पुनर्विचार करने की आवश्यकता है. हम किस प्रकार का डाटा साझा कर रहे हैं, कहां कर रहे हैं और उसका नकारात्मक प्रभाव क्या-क्या हो सकते हैं. इसके बारे में जानना आवश्यक है. डाटा की सुरक्षा करने के लिए ही हर साल 28 जनवरी को डाटा गोपनीयता दिवस के रूप में मनाया जाता है.

data privacy day 2023
डाटा प्राइवेसी डे का महत्व और इतिहास

By

Published : Jan 16, 2023, 7:13 PM IST

रायपुर/हैदराबाद:डिजिटलाइजेशन की ओर पूरा विश्व बढ़ रहा है.अपने कार्य को आसान करने के लिए लोग ऑफलाइन से ऑनलाइन की ओर रुख कर रहे हैं. जैसे ही देश में कोरोना ने दस्तक दी, विश्व और तेजी से डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ाने लगा. जिन कार्यों को लेकर पहले लोगों की सोच होती थी कि ये ऑफलाइन ही ठीक है अब उस काम को भी लोग ऑनलाइन पूरा कर रहे हैं.

कोरोना काल के 1 साल 6 महीने के लॉकडाउन में सभी आवश्यक कार्य को ऑनलाइन करते-करते विश्व डिजिटल होने लगा है. डिजिटल होना एक साकारात्मक कदम है, लेकिन आप सभी जानते हैं कि इसमें डाटा चोरी होना, आपकी निजता का हनन जैसी कई चीजें शामिल हैं. डाटा आज के समय में काफी अहम है. हर किसी के जीवन में इसकी अहमियत बढ़ती जा रही है.

डाटा की गोपनीयता क्यों है आवश्यक :ऑनलाइन डाटा की गोपनीयता को बनाए रखा जा सके और इसका गलत तरह से प्रयोग न किया जा सके. डाटा गोपनीयता दिवस एक ऑनलाइनल सुरक्षा और गोपनीयता अभियान का हिस्सा है जिसे स्टॉप, थिंक और क्नेकट कहा जाता है. इसके माध्यम से साइबर सुरक्षा को महत्व दिया जाता है और साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए कार्य किया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य लोगों में डाटा गोपनीयता को लेकर जागरूकता पैदा करना है. आइए आपको इस दिवस के बारे में जानकारी दें.

कहां से हुई थी डाटा सुरक्षा की शुरुआत :व्यक्तिगत डाटा सुरक्षा की शुरुआत यूरोप से हुई थी. यूरोप में हुए एक कन्वेंशन में व्यक्तिगत डेटा के स्वत: प्रसंस्करण के संबंध में व्यक्तियों की सुरक्षा पर यूरोप की परिषद ने 28 जनवरी 1981 में इस पर हस्तारक्षर किए थे. निजता हर व्यक्ति का अधिकार है. उसी तरह से डाटा की गोपनीयता भी व्यक्ति का अधिकार है. इसे लेकर काफी गंभीर कदम उठाना होगा.

इस बात को ध्यान में रखते हुए ही यूरोप ने डाटा गोपनीयता को मानव अधिकार का हिस्सा माना और इसे अनुच्छेद 8 के तहत संरक्षित करने का फैसला लिया.उसके बाद 2006 में यूरोप ने ही यूरोपीय डाटा संरक्षण दिवस की शुरुआत की . इसे दिवस को मनाने के लिए 28 जनवरी की तिथि को ही चुना गया क्योंकि उसी दिन व्यक्तिगत डेटा के स्वत: प्रसंस्करण के संबंध में व्यक्तियों की सुरक्षा को लेकर यूरोप परिषद ने हस्ताक्षर किए थे.

अमेरिका ने भी दी मान्यता :यूरोपीय डाटा संरक्षण दिवस के रूप में घोषित किए जाने के पूरे 3 साल बाद 27 जनवरी 2009 को संयुक्त राज्य अमेरिका ने 28 जनवरी को डाटा गोपनीयता दिवस के रूप में घोषित किया. तब से आज तक इस दिवस को हर साल 28 जनवरी को मनाया जाता है. संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस दिवस की घोषणा हाउस रेजोल्यूशन एचआर 13 के माध्यम से 402-0 के मत से पारित किया था.इस घोषणा के बाद उसी साल यानी 2009 में 28 जनवरी को सीनेट ने सीनेट संकल्प 25 के तहत राष्ट्रीय डाटा गोपनीयता दिवस के रूप में मान्यता दी.

ये भी पढ़ें- क्यों मनाया जाता है स्टार्टअप दिवस

भारत में डाटा संरक्षण कानून :भारत में डाटा संरक्षण कानून भारत में भी वर्ष 2018 से डाटा प्रोटेक्शन के लिए कार्य किया जा रहा है. साल 2019 में डाटा संरक्षण विधेयक का ड्राफ्ट लोकसभा में पेश किया गया था.इस पर संयुक्त संसदीय समित द्वावा कुछ आवश्यक बदलावों की पेशकश की गई और उन्हें बदलावों का हवाला देते हुए उस विधेयक को वापस लिया गया था. बाद में साल 2022 में एक बार फिर डाटा संरक्षण विधेयक का ड्राफ्ट तैयार किया गया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details