रायपुर/हैदराबाद:डिजिटलाइजेशन की ओर पूरा विश्व बढ़ रहा है.अपने कार्य को आसान करने के लिए लोग ऑफलाइन से ऑनलाइन की ओर रुख कर रहे हैं. जैसे ही देश में कोरोना ने दस्तक दी, विश्व और तेजी से डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ाने लगा. जिन कार्यों को लेकर पहले लोगों की सोच होती थी कि ये ऑफलाइन ही ठीक है अब उस काम को भी लोग ऑनलाइन पूरा कर रहे हैं.
कोरोना काल के 1 साल 6 महीने के लॉकडाउन में सभी आवश्यक कार्य को ऑनलाइन करते-करते विश्व डिजिटल होने लगा है. डिजिटल होना एक साकारात्मक कदम है, लेकिन आप सभी जानते हैं कि इसमें डाटा चोरी होना, आपकी निजता का हनन जैसी कई चीजें शामिल हैं. डाटा आज के समय में काफी अहम है. हर किसी के जीवन में इसकी अहमियत बढ़ती जा रही है.
डाटा की गोपनीयता क्यों है आवश्यक :ऑनलाइन डाटा की गोपनीयता को बनाए रखा जा सके और इसका गलत तरह से प्रयोग न किया जा सके. डाटा गोपनीयता दिवस एक ऑनलाइनल सुरक्षा और गोपनीयता अभियान का हिस्सा है जिसे स्टॉप, थिंक और क्नेकट कहा जाता है. इसके माध्यम से साइबर सुरक्षा को महत्व दिया जाता है और साइबर क्राइम की रोकथाम के लिए कार्य किया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य लोगों में डाटा गोपनीयता को लेकर जागरूकता पैदा करना है. आइए आपको इस दिवस के बारे में जानकारी दें.
कहां से हुई थी डाटा सुरक्षा की शुरुआत :व्यक्तिगत डाटा सुरक्षा की शुरुआत यूरोप से हुई थी. यूरोप में हुए एक कन्वेंशन में व्यक्तिगत डेटा के स्वत: प्रसंस्करण के संबंध में व्यक्तियों की सुरक्षा पर यूरोप की परिषद ने 28 जनवरी 1981 में इस पर हस्तारक्षर किए थे. निजता हर व्यक्ति का अधिकार है. उसी तरह से डाटा की गोपनीयता भी व्यक्ति का अधिकार है. इसे लेकर काफी गंभीर कदम उठाना होगा.