रायपुर :छत्तीसगढ़ में लगातार साइबर क्राइम के मामले बढ़ रहे हैं. ऑनलाइन ठगी या फर्जी एप्लीकेशन के माध्यम से ठग लोगों को ठगी (Cyber thug cheating pretext of loan at cheap rate) का शिकार बनाते हैं. ज्यादातर ऑनलाइन ठगी के मामले झारखंड के जामताड़ा से ऑपरेट (Most online fraud cases operate from Jamtara in Jharkhand) किये जाते हैं. वहीं देश में ऑनलाइन अपराध के लिए कुछ जगह फेमस हो चुकी हैं, जिनमें झारखंड का जामताड़ा, नोएडा, नाइजीरियन फ्रॉड के लिए दिल्ली, ऑनलाइन फ्रॉड के लिए वेस्ट बंगाल का मालदा बॉर्डर एरिया. पश्चिम बंगाल और झारखंड की तरफ से काफी संख्या में एटीएम और साइबर ठगी के मामले देखने को मिलते हैं. वहीं आजकल लोन दिलाने के नाम पर फर्जी एप्लीकेशन डाउनलोड करवाकर धड़ल्ले से ठगी हो रही है.
इन फर्जी एप्लीकेशन से रहें दूर
• कैश बीन.
• मनी व्यू.
• कैश बस.
• हेलो लोन.
• स्मॉल लोन.
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cyber crime in chhattisgarh : सस्ती दर पर लोन का झांसा दे साइबर ठग कर रहे ठगी, अपनाएं ये तरकीब
आजकल सभी चीजें ऑनलाइन हो चली हैं. वहीं पेंडेमिक की वजह से ज्यादातर लोग घरों में हैं. ऐसे में वह ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं. इसका फायदा साइबर ठग भी उठाते हैं. सस्ती दर पर लोन दिलाने का झांसा देकर साइबर ठग ठगी (cyber crime in chhattisgarh) कर रहे हैं.
आजकल सभी चीजें ऑनलाइन (Cyber crime cases increasing in Chhattisgarh) हो चली हैं. वहीं पेंडेमिक की वजह से ज्यादातर लोग घरों में हैं. ऐसे में वह ज्यादा मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं. मोबाइल से ही चीजें ऑर्डर करते हैं. अक्सर लोग सस्ते और डिस्काउंट की तरफ ज्यादा आकर्षित होते हैं. इसी का फायदा साइबर ठग उठाते हैं. सस्ती दर पर ऑनलाइन और तत्काल लोन देने की बात कहते हैं. इंस्टेंट लोन देने के लिए एप्लीकेशन इंस्टॉल कराकर ओटीपी के माध्यम से पहले एप्लीकेशन चालू करवाते हैं. फिर उसमें सामने वाले व्यक्ति का अकाउंट रजिस्टर करवाते हैं, जिसके बाद पूरा अकाउंट खाली हो जाता है.
सस्ती दरों पर लोन पाने के लिए फर्जी एप्लीकेशन के इस्तेमाल से बचें
साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा (Cyber Expert Monali Guha) ने बताया कि ठग किसी भी व्यक्ति को एजेंट या बैंक अधिकारी बनकर कॉल करते हैं. कहते हैं कि वह किसी बैंक या एजेंसी के अधिकारी हैं. वो लोगों को अपने झांसे में लेकर बैंक के पर्सनल डीटेल्स ले लेते हैं. उसके बाद वह लोगों से ओटीपी मांगकर उनके बैंक एकाउंट खाली कर देते हैं. कई बार वह लोगों को लिंक भेजते हैं और फॉर्म भरने को कहते हैं. या फिर कई बार लोग लिंक को क्लिक करते हैं, जिसके बाद मोबाइल रिमोट एक्सेस मोड में चल जाता है. फिर ठग आसानी से मोबाइल को कंट्रोल कर लेते हैं. इस तरीके से ज्यादा कर ठग ठगी के मामले को अंजाम देते हैं.
सस्ती दर पर लोन की देते हैं लालच
गुहा का कहना है कि आजकल यह भी देखने को मिला है कि साइबर ठग लोगों को सस्ती दरों पर लोन देने के नाम से फर्जी एप्लीकेशन डाउनलोड करवाते हैं. फिर रजिस्टर करने को कहते हैं. जैसे ही सामने वाला व्यक्ति अपना अकाउंट एप्लीकेशन में रजिस्टर करता है, उसके बाद ओटीपी आने पर साइबर ठग सामने वाले व्यक्ति को एप्लीकेशन में ओटीपी भरने बोलते हैं. वहीं एप्लीकेशन का पूरा कंट्रोल साइबर ठग के हाथों में रहता है और जैसे ही एप्लीकेशन में अकाउंट रजिस्टर हो जाता है, साइबर ठग धीरे-धीरे अकाउंट खाली करना चालू कर देते हैं.
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एप्लीकेशन को डाउनलोड करने से बचें
• किसी भी फर्जी टेलिफोनिक कॉल, लिंक या मैसेज पर भरोसा न करें.
• किसी भी अनजान के कहने पर एप्लीकेशन डाउनलोड न करें.
• लोन लेने के लिए अपने बैंक जाकर अधिकारी से मिलकर ही बात करें.
• अपना मोबाइल किसी को न दें.
• अनजान एप्लीकेशन और लिंक पर कभी भी क्लिक न करें.
• ऐसा होने पर तुरंत पुलिस से संपर्क करें या ऑनलाइन कंप्लेंट करें, जिससे पुलिस जल्दी से जल्दी उन्हें ट्रेस कर सके.