रायपुर: साइबर ठग अलग अलग तरह से ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं. इस वारदात में एटीम क्लोनिंग सबसे बड़ा जरिया है. जिससे बदमाश ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं. एटीएम क्लोनिंग के जरिए शातिर आपके कार्ड का डाटा चुराकर मिनटों में क्लोन कार्ड तैयार कर आपके खाते में सेंध लगाते हैं और आपकी जमा पूंजी गोल कर दते हैं. एटीएम क्लोन एक बड़ा खतरा बनकर उभरा है. कार्ड क्लोनिंग की वजह से लोगों को लाखों रुपये का नुकसान हो जाता है. cyber crime news एटीएम क्लोनिंग से ठगी करने वाला गैंग देश के अलग अलग राज्यों से संचालित होता है. इसमें उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और हरियाणा के बदमाश शामिल हैंmastermind of ATM cloning in India . आखिर एटीएम क्लोनिंग क्या है. कैसे ठग वारदात को अंजाम देते हैं. इससे बचने के क्या उपाय हैं. आइये समझने की कोशिश करते हैं.ATM clone fraud incidents in cg
एटीएम क्लोनिंग से बचने के उपाय एटीएम क्लोनिंग क्या है: साइबर पुलिस के मुताबिक बदमाश एटीएम, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड की क्लोनिंग के लिए मशीन में स्कीमर लगा देते है. स्कीमर मशीन को वह स्वाइप मशीन या एटीएम मशीन में पहले ही फिट कर देते हैं. फिर जैसे ही आप कार्ड स्वाइप या एटीएम मशीन में इस्तेमाल करते हैं तो कार्ड की सारी डिटेल इस मशीन में कॉपी हो जाती है. इसके बाद ठग आपके कार्ड की सारी डिटेल कंप्यूटर या अन्य तरीकों के जरिए खाली कार्ड में डालकर कार्ड क्लोन तैयार कर लेते हैं. इसका इस्तेमाल कर ठग दूसरी जगह से पैसे निकाल लेते हैं. इस तरीके से ठग लोगों को लाखों का चूना लगा चुके हैं.mastermind of ATM cloning in India
कैसे तैयार होता है एटीएम का क्लोन कैसे होती है पासवर्ड की चोरी
पासवर्ड और पिन जानने के लिए करते हैं कैमरे का उपयोग:साइबर के बदमाश बेहद शातिर होते हैं. एटीएम कार्ड का पूरा डिटेल लेने के बाद आसानी से लाखों रूपये पार कर देते हैं. साइबर सेल के टीआई गौरव तिवारी बताते हैं कि "बदमाश एटीएम में कैमरे भी लगा रखते है. यह कैमरा ठीक सिर के उपर ही लगा रखते हैं, ताकि आप जब पासवर्ड डालें तो स्पष्ट दिखाई दे सके. इसके बाद कम आसानी से लोगों के मेहनत की कमाई पर हाथ साफ कर देते हैं."Ways of protection to Cyber Fraud ATM Clone
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एटीएम क्लोन और ठगों से ऐसे बचें:साइबर सेल टीआई गौरव तिवारी बताते हैं कि "जब भी आप एटीएम में जाएं तो सबसे पहले मशीन में कार्ड डालने वाले स्लॉट को देखें. इस स्लॉट के पास एक लाइट भी लगी होती है. यदि यह लाइट ना लगी हो या जल ना रही हो तो अपने कार्ड को बिल्कुल भी मशीन में ना डालें. इसी तरह जब भी आप पासवर्ड डालें तो अपने हाथों से कीपैड ढक लें, ताकि किसी तरह का कोई हिडन कैमरा लगा हो तो वह आपका पासवर्ड ना देख सके. इसके साथ ही उस एटीएम में जाने की कोशिश करें, जहां गार्ड हो. यदि आप क्लोनिंग के शिकार हो जाते हैं 72 घंटे के भीतर बैंक में रिपोर्ट करें, उसके बाद बैंक आरबीआई के गाइडलाइन के अनुसार पैसे रिटर्न करती है.
एटीएम क्लोनिंग से ऐसे बचें इन केसों पर डालिए नजर - केस-1:पीएससी की तैयारी कर रही छात्रा ठगी का शिकार हो गई थी. अचानक उसके पास 80 हजार रुपये कटने का मैसेज आया. इसकी शिकायत युवती ने थाने में दर्ज कराई थी. इससे पहले वह आरंग स्थित एटीएम से पैसे निकालती थी.
- केस-2: मजदूर महिला ललिता साहू के एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर ठग ने 27 मई से 3 जून के बीच 13 बार में 1 लाख 82 हजार 768 रुपये का आहरण कर लिया.
- केस-3:किसान थान सिंह साहू ने एटीएम से 5 हजार रुपये निकाला. जब वह दोबारा पैसे की आवश्यकता होने पर बैंक पहुंचा और पास बुक में इंट्री कराई तो पता चला कि उसके खाते से किसी ने तीन दिन के भीतर 37 हजार रुपये का आहरण कर लिया है.