रायपुरः संस्कृति और खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने लंबे समय से प्रदेश में फिल्म सिटी की राह देख रहे फिल्मकारों के लिए अच्छा संकेत दिया है. भगत ने कहा कि आने वाले वर्ष 2022 में फिल्म सिटी निर्माण करने की दिशा में सकारात्मक कोशिश की जाएगी. इस कार्य के लिए अभी से जमीन तलाशने का काम सरकार ने शुरू कर दिया गया है. भगत का मानना है कि फिल्म सिटी की पहचान राज्य में एक अलग और खास रहेगी. साल 2022 में छत्तीसगढ़ के फिल्मकारों को फिल्म सिटी का तोहफा मिल सकता है. फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों को भी इसका फायदा मिलेगा. साल 2022 में खाद्य विभाग की क्या चुनौतियां रहेंगी? इस विषय में मंत्री अमरजीत भगत ने अपनी राय ईटीवी भारत से किए खास बातचीत के दौरान रखी...आइए जानते हैं उन्होंने बातचीत के दौरान क्या कहा...
सवालः यूं तो 2021 खाद्य विभाग के लिए काफी उपलब्धियों से भरा रहा, लेकिन वर्ष के अंत में बेमौसम हुई बारिश ने विभाग द्वारा धान खरीदी केंद्रों में की गई व्यवस्था पर पानी फेर दिया. धान खरीदी केंद्रों में बेमौसम बारिश से कितना नुकसान हुआ, क्या इसका आंकलन कर रहे हैं?
जवाबः इस बारिश ने सब का जीना दूभर कर दिया. बेमौसम हुई बरसात से धान खरीदी केंद्रों में भी थोड़ा बहुत नुकसान हुआ है. हालांकि हमने सभी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयारियां कर रखी थी, लेकिन समुचित व्यवस्था के बावजूद बेमौसम बारिश से नुकसान स्वभाविक है. जो धान एक दिन पहले खरीदा जाता है उसके रखरखाव के लिए समय लगता है और इस बारिश से 1 दिन पहले खरीदे गए धान को ही ज्यादा नुकसान हुआ है.
यह भी पढ़ेंःअंग्रेजों ने जो चाल चली, बीजेपी कर रही वही खेल: सत्यनारायण शर्मा
सवालः 2022 की चुनौतियों से निपटने के लिए क्या आपके विभाग ने कोई रोडमैप बनाया है?
जवाबः हम जबसे सरकार में आए हैं, तबसे समय हमारे प्रतिकूल रही है. शुरू से हमारे सामने कई चुनौतियां रहीं, जिनमें सबसे बड़ी चुनौती किसानों के डिप्रेशन को लेकर रही है. क्योंकि पिछली सरकार ने इनके लिए कोई ठोस काम नहीं किया था. लेकिन हमने सरकार बनते ही किसानों का कर्जा माफ किया. 2500 रुपये में धान की खरीदी की. केंद्र के असहयोग के बावजूद राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ किसानों को दिया. तब किसानों का आकर्षण खेती के प्रति बढ़ा. किसान बीजेपी शासन काल में खेती को नुकसान का सौदा समझते थे. उनकी इस सोच को भी हमने बदला.यही वजह है कि इस बार पहले से ज्यादा पंजीयन और धान के रकबे में इजाफा हुआ. व्यवस्था की बात करें तो किसानों के लिए पिछली सरकार ने कोई व्यवस्था 15 साल में नहीं की थी. ना तो धान खरीदी केंद्रों में प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए चबूतरे और शेड का निर्माण किया. अगर यह काम हो चुका होता तो धान खरीदी केंद्रों में ऐसी स्थिति निर्मित नहीं होती. पिछली सरकार धान की खरीदी राज्य की आवश्यकता के हिसाब से करती थी. मगर हमारी सरकार बनने के बाद हमने 70 हजार मीट्रिक टन की आवश्यकता होने के बाद भी धान खरीदी की शुरूआत 82 लाख मीट्रिक टन से की. इसे बढ़ाते हुए तीसरे साल में हम इस बार 1 लाख 5 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी कर रहे हैं.
सवालः आपने कहा कि पिछली सरकार ने 15 सालों में कुछ नहीं किया, क्या आप 2022 में इस दिशा में कोई ठोस काम करने वाले हैं.
जवाबः जी हां हम हर साल काम करते हैं। हम धान खरीदी केंद्रों में लगातार चबूतरा निर्माण करवा रहे हैं.शेड बनाने का काम भी चल रहा है और आने वाले दो-तीन सालों में हम इस काम को पूरे प्रदेश में पूरा कर लेंगे.
सवालः केंद्र की सरकार ने उसना चावल न खरीदने का जो फैसला लिया है. ऐसे में राज्य के किसान उसना क्वालिटी के चावल की पैदावारी ही न करें. इसको लेकर क्या कोई योजना 2022 में आप लोगों की है.