रायपुर: छत्तीसगढ़ में पिछले कई दिनों से हो रही बारिश ने किसानों को मुसीबत में डाल दिया है. शुरुआत में धान की खेती करने वाले किसानों को इस बार अच्छे उत्पादन की उम्मीद थी, लेकिन पिछले तीन दिनों से लगातार हुई बारिश ने प्रदेश सहित राजधानी से लगे जिले के किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.
खेतों में धान पक कर तैयार तो हो गया है, लेकिन तेज बारिश और आंधी की वजह से खेतों में खड़ी धान की फसल खेत में ही बिछ गई है. कई जगह धान की बाली पानी में डूब गई है, जिससे फसल के खराब होने की आशंका बढ़ गई है.
कृषि विभाग से नहीं पहुंचा कोई अधिकारी
प्रदेश भर में बेमौसम बरसात से फसल चौपट हो गई, जिसे लेकर अन्नदाता चिंतित हैं. वहीं कृषि विभाग की ओर से अभी तक मौके की जांच करने के लिए कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा है. वहीं नुकसान झेल रहे किसानों का कहना है कि, 'नुकसान की जांच के लिए बीमा कंपनियों को भी सूचित किया गया है. अभी तक कोई भी कर्मचारी सर्वे करने नहीं पहुंचा है'.
कृषि विशेषज्ञों ने कहा नुकसानदेह है बेमौसम बारिश
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि, 'बारिश ने तो फसल चौपट कर दी है, वहीं दिन भर जो आसमान में बादल छाए रहते हैं, वे भी किसानों के लिए नुकसानदेह हैं. धान की फसल पकी हुई तैयार है, महीने के अंत तक धान की कटाई पूरी करनी थी. ऐसे में बारिश से बचने के लिए कोई उपाय समझ में नहीं आ रहा है.'
कृषि वैज्ञानिक डॉ गजेंद्र चंद्राकर कहते है कि, 'अलग-अलग फसलों में नुकसान अलग-अलग तरीके से हुआ है. फसलों की कटाई के सीजन में इस तरह की लगातार हो रही बारिश फसलों को बहुत नुकसान करती है. ऐसे में धान में अंकुरण आने और बदरंग होने की संभावना बढ़ जाती है. जो किसान भाई धान बेचकर या मंडी में रखकर दिवाली मनाने की तैयारियों में लगे थे उनको आघात लगा है.'