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SPECIAL: बारिश के पानी में 'बह' रही है किसानों की मेहनत, कैसे मिले राहत - Paddy purchase

बेमौसम बारिश ने छत्तीसगढ़ के किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. लगातार हो रही बारिश ने खेत में खड़ी फसल को बर्बाद कर दिया है.

बारिश ने बर्बाद की फसल
बारिश ने बर्बाद की फसल

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Published : Feb 5, 2020, 11:01 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में ठंड के मौसम में हो रही बारिश किसानों के अरमानों पर पानी फेर रही है. बरसात से जहां ठंड बढ़ रही है, वहीं किसानों की फसल भी बर्बाद हो रही है. प्रदेश के ज्यादातर जिलों में बारिश ने अन्नदाताओं के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं. किसी के सामने धान बेचने की चुनौती है, तो कोई फसल खराब हो जाने की वजह से परेशान हैं.

बारिश ने बर्बाद की फसल

बिलासपुर, कवर्धा, कोरबा, सरगुजा, जांजगीर-चांपा, बलौदा-बाजार, मुंगेली, जशपुर, कांकेर समेत अन्य जिलों में हुई बारिश की वजह से किसानों को नुकसान हुआ है. ETV भारत लगातार आपको बेमौसम बरसात की वजह से किसानों को हो रही तकलीफों की खबरें दिखा रहा है. अन्नदाता सरकार से मुआवजे की गुहार भी लगा रहे हैं, जिससे उन्हें थोड़ी राहत मिल जाए.

बारिश ने बर्बाद की फसल

पिछले कुछ दिन की खबरों पर नजर डालें तो-

  • बुधवार को किसान प्रसंजीत साहा से जब हमने बात की तो उसने बताया कि 'वे एक महीने से खेत को तैयार कर रहे थे. लेकिन बेमौसम हुई बारिश की वजह से पूरा खेत भीग गया और उनकी मेहनत बेकार हो गई. किसान मिर्ची के पौधों का रोपण नहीं कर पाया है.
  • बिलासपुर के तखतपुर विधानसभा क्षेत्र के किसान बेमौसम बारिश से चिंतित हैं. क्षेत्र के किसान पहले धान खरीदी न होने से परेशान थे, वहीं बेमौसम बरसात ने उनकी खेतों में लगी फसल को भी बर्बाद कर दिया है.
  • 4 फरवरी यानी कि मंगलवार को सूरजपुर में बेमौसम बारिश की वजह से रबी की फसल को खासा नुकसान पहुंच रहा है, जिससे किसानों को अपनी लागत निकालने में मुश्किल हो रही है. किसानों ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि, 'फसल बर्बाद होने की कगार पर है. बारिश की वजह से बाजार में सब्जी भी महंगी होने लगी है'.
  • इसके अलावा कई जिलों में बारिश की वजह से धान खरीदी बंद हो गई है. कई केंद्रों में किसानों का धान उठाव न हो पाने की वजह से बर्बाद हो रहा है. कहीं बारदाने की कमी तो कहीं रख-रखाव की व्यवस्था न होने की वजह से बारिश अन्नदाताओं के लिए 'काल' बन गई है. बारिश के पानी में उनकी सालभर की मेहनत बह रही है. उम्मीद है कि सरकार इनकी तरफ नजर डाले, जिससे उन्हें कम से कम थोड़ी राहत तो मिले.

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