छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

नक्सली हमले में शहीद धर्मदेव का मणिकर्णिका घाट पर हुआ अंतिम संस्कार - Martyr Dharmadev's last rites performed at Manikarnika Ghat

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली हमले में शहीद धर्मदेव का वाराणसी में अंतिम संस्कार हुआ. वह चंदौली जिले के रहने वाले थे.

Dharmadev's last rites at Manikarnika Ghat
धर्मदेव का मणिकर्णिका घाट पर हुआ अंतिम संस्कार

By

Published : Apr 6, 2021, 11:26 PM IST

वाराणसीः महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर मंगलवार को शहीद धर्मदेव का अंतिम संस्कार हुआ. धर्मदेव छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली हमले में शहीद हो गए थे. उनके पिता ने चिता को मुखाग्नि दी. कोबरा कमांडो धर्मदेव कुमार की अंत्योष्टि मणिकर्णिका महाश्मशान पर राजकीय सम्मान के साथ हुई.

धर्मदेव का मणिकर्णिका घाट पर हुआ अंतिम संस्कार

सुबह गांव में पहुंचा शव
चंदौली जनपद के शहाबगंज ब्लॉक के ठेकहां गांव में निवासी रामाश्रय गुप्ता के बड़े पुत्र धर्मदेव लाल कोबरा कमांडो पद पर तैनात थे. छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली हमले में शहीद हो गए. उनका शव मंगलवार सुबह गांव में पहुंचा तो माहौल गमगीन हो गया. परिजनों के आंसू देख सभी की आंखें नम हो गईं. गांव से शहीद धर्मदेव कुमार का पार्थिव शरीर अंत्योष्टि के लिए वाराणसी रवाना हुआ. मणिकर्णिका घाट पर शहीद की अंत्योष्टि पूरे राजकीय सम्मान से की गयी.

बचपन से था फोर्स में जाने का सपना
परिजनों ने बताया कि किसान रामाश्रय गुप्ता के तीन पुत्रों में सबसे बड़े धर्मदेव ने बचपन से ही फोर्स में जाने का सपना देखा था. मणिकर्णिका महाश्मशान घाट पर शहीद धर्मदेव को विदाई देने के लिए काफी संख्या में लोग घाट पर उपस्थित थे. शहीद धर्मदेव के पार्थिव शरीर को जैसे ही सीआरपीएफ के जवानों ने बन्दूक से सलामी दी तो पूरा घाट भारत माता की जय के जयघोष से गूंज उठा.

भाई ने कहा नक्सलियों से लेंगे बदला
शहीद धर्मदेव के छोटे भाई धनंजय खुद भी सीआरपीएफ में जवान हैं. वह नक्सलियों की इस कायराना हरकत से गुस्से में हैं. उन्होंने धर्मदेव की शहादत को गर्व की बात बताया. साथ ही मौका मिलने पर उनसे बदला लेने की बात कही. उन्होंने कहा कि इस घटना से वे डरे नहीं हैं बल्कि और मजबूत हुए हैं. सीआरपीएफ कल उन्हें भेज दे तो वे बीजापुर चले जायेंगे और भाई की मौत बदला लेंगे. यही नहीं उन्होंने सरकार से गुजारिश भी की है की ऐसे जगहों पर लड़ने के लिए जवानों को अत्याधुनिक हथियार उपलब्ध कराए जाएं.

6 घण्टे बाद माने परिजन
हालांकि शहीद के पार्थिव शरीर के अंतिम संस्कार से पहले परिवार को शव सुपुर्दगी के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी. करीब 6 घण्टे तक परिजनों ने शव को स्वीकार नहीं किया. बाद में परिजन उनका अंतिम संस्कार करने के लिए माने. प्रभारी मंत्री रमाशंकर पटेल, जिलाधिकारी संजीव सिंह, एसपी अमित कुमार समेत सीआरपीएफ के कमाण्डेन्ट रामलखन समेत जनप्रतिनिधियों ने पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और राजकीय सम्मान के सम्मान के गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.

इसे भी पढ़ेंः वीर सपूत शहीद राजकुमार को ससम्मान अंतिम विदाई, उमड़ा आंसुओं का सैलाब

माता-पिता का छूटा साथ, दो बच्चियां अनाथ
बता दें कि छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में शहीद धर्मदेव अपने पीछे बूढ़े पिता रामआश्रय गुप्ता, माता कृष्णावती देवी के अलावा पत्नी मीना और दो बेटियों ज्योति और साक्षी को छोड़ गए हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details