रायपुर : देश में श्रम और कृषि कानून में बदलाव की मांग को लेकर माकपा समेट लेफ्ट दलों ने विरोध दिवस का आह्वान करने के साथ केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. कोरोना काल के कारण पार्टी के कार्यकर्ता अपने घरों से सामने तख्ती लेकर खड़े हुए और विरोध प्रदर्शन किया.
माकपा और वामपंथी पार्टियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ किया विरोध प्रदर्शन प्रदर्शन के दौरान कोरोना के बढ़ते मामलों और अर्थव्यवस्था के मुद्दों पर माकपा नेता धर्मराज महापात्रा ने कहा कि कोरोना काल में कई लोगों का रोजगार छिन गया है. ऐसे में श्रम और कृषि कानून में बदलाव की जरूरत है. उन्होंने केन्द्र सरकार से प्रवासी मजदूरों को रोजगार और राहत पैकेज देने के साथ ही सरकारी गोदामों में पड़े अनाज को जनता को देने की मांग की है.
केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन माकपा नेता ने कहा- सबसे ज्यादा परेशान है मजदूर वर्ग
माकपा नेता ने कहा कि लॉकडाउन में अगर सबसे ज्यादा कोई परेशान हुआ है, तो वह मजदूर वर्ग है. मजदूर एक ओर जहां हजारों किलोमीटर पैदल चलकर अपने घर पहुंच रहे हैं. वहीं लगभग 2 महीने बीत जाने के बाद भी यह सिलसिला जारी है. मजदूरों के सामने एक और मुसीबत यह भी है कि न तो उनके पास रोजगार है और न ही बचत के पैसों से वो लंबे समय तक अपना घर चला सकते हैं.
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बता दें कि देश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 मार्च से पूरे देश में लॉकडाउन घोषित कर दिया था, जिसके बाद सभी के काम और आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गए थे. वहीं लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्य में रोजी-मजदूरी करने गए मजदूर वहीं फंस गए थे. जो किसी भी हाल में अपने घर अपने राज्य आना चाहते थे.
केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन
वहीं लॉकडाउन के बीच आवागमन बाधित होने के कारण कई मजदूर पैदल ही अपने राज्य के लिए निकल गए. जबकि अपने घर पहुंचने के लिए कईयों ने साइकिल का सहरा लिया, लेकिन किसी भी हालत में मजदूर अपने घरों तक पहुंचने के लिए निकल पड़े थे, जिसका सिलसिला अभी भी जारी है. हालांकि अब राज्य और केंद्र सरकार ने मजदूरों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया है, लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें इनकी जानकारी ही नहीं है.