रायपुर:छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार रोकने के लिए लगातार एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) काम कर रही है. अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ छापेमारी कार्रवाई की गई है. कोई रिश्वत के मामले में धरा गया है तो किसी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया है.
जानकारी के मुताबिक छत्तीसगढ़ बनने के बाद पिछले 22 सालों में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) के द्वारा करीब 350 मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें ज्यादातर कार्रवाई रिश्वतखोरी के खिलाफ की गई है. करीब 175 से ज्यादा रिश्वतखोरी के मामले दर्ज किए हैं. 75 से ज्यादा मामले आय से अधिक संपत्ति के दर्ज हैं. इसके अलावा भी कई अनियमितताओं के मामले भी दर्ज किए गए हैं. इन सभी से करीब 200 मामलों की जांच चल रही है.
एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) की गिरफ्त में आने वाले ज्यादातर पटवारी, लिपिक, शिक्षक, सहित अन्य वर्ग के कर्मचारी भी हैं. इसके अलावा आईएएस, आईपीएस, आईएफएस सहित अन्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी भी शामिल हैं. जानकारी के अनुसार 3 आईएएस, 3 आईपीएस, एक आईएफएस सहित राज्य 4 प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
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मध्यप्रदेश के समय के भी कई मामले हैं लंबित:विभागीय सूत्रों की मानें तो इसमें से अधिकांश के खिलाफ जांच पूरी करने के बाद चालान पेश किया जा चुका है. संबंधित कोर्ट में उनके खिलाफ सुनवाई चल रही है. हालांकि इसमें मध्यप्रदेश के समय के कई मामले लंबित है, जिनकी अब तक अभियोजन स्वीकृति नहीं मिल पाई है.
साल 2014 से 2018 के बीच हुई थी ताबड़तोड़ कार्रवाई:मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के सबसे ज्यादा प्रकरण 2014 से 2018 के बीच दर्ज किए गए. इस बीच प्रदेश में 217 प्रकरण दर्ज किए गए. इस दौरान तलाशी में 2 अरब 7 करोड़ 47 लाख 72 हजार रुपए की चल अचल संपत्तियां बरामद की गई. इसमें रिश्वत लेने के प्रकरणों की संख्या ज्यादा है. इन मामलों में अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है.