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छत्तीसगढ़ में एक साल बाद फिर कोरोना के वही हालात

हम महीनों घरों में कैद रहे. प्लेन, बस और ट्रेनों के पहिए पहली बार पूरी तरह थम गए. स्कूल-कॉलेज बंद रहे. हजारों लोगों की नौकरियां गईं, हजारों बेघर हुए. करोड़ों-अरबों का आर्थिक नुकसान देश को हुआ. जब लगा कि कोरोना हार रहा है, जिंदगी पटरी पर लौट रही है तो हम लापरवाह हो गए. आज 1 साल बाद फिर से लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू की चर्चा हो रही है. वक्त रहते हम नहीं समझे तो आने वाले दिनों में और भी भयानक मंजर देखने को मिल सकते हैं.

situation in Chhattisgarh after one year of Corona
छत्तीसगढ़ में कोरोना के हालात

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Published : Mar 20, 2021, 11:07 PM IST

रायपुर: एक साल पहले राजधानी रायपुर में कोरोना संक्रमण ने पैर पसारे थे. इस महामारी ने कई लोगों की जिंदगी बदल दी. किसी ने अपनों को सब खोया तो कोई सब हारकर फिर खड़ा हुआ और नया जीवन जीना शुरू किया. धीरे-धीरे सब नॉर्मल हो ही रहा था कि कोरोना की दूसरी लहर ने एक बार फिर से राजधानी सहित पूरे प्रदेश में दस्तर दे दी है. जिस तरह साल भर पहले महामारी की शुरुआत हुई थी, एक बार फिर से हम उसी जगह पर खड़े हैं. कोरोना की रफ्तार कम होने के बाद जिस तरह से सरकारी, राजनीतिक और गैर राजनीतिक आयोजन हुए, ऐसा लगा कि लोग जैसे इस महामारी को भूल गए हों. डर है कि ये लापरवाही हम पर भारी न पड़ने लगे.

छत्तीसगढ़ में एक साल बाद फिर कोरोना के वही हालात

कोरोना ने भारत समेत दुनिया में 12 करोड़ और देश में 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को बीमार बनाया है. छत्तीसगढ़ में कोरोना की पहली मरीज 18 मार्च को मिली एक युवती थी, जो लंदन से लौटी थी. 1 साल में 3 लाख 17 हजार से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. 3,909 से ज्यादा लोगों की जान चली गई.

लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू की चर्चा

हम महीनों घरों में कैद रहे. प्लेन, बस और ट्रेनों के पहिए पहली बार पूरी तरह थम गए. स्कूल-कॉलेज बंद रहे. हजारों लोगों की नौकरियां गईं, हजारों बेघर हुए. करोड़ों-अरबों का आर्थिक नुकसान देश को हुआ. जब लगा कि कोरोना हार रहा है, जिंदगी पटरी पर लौट रही है तो हम लापरवाह हो गए. आज 1 साल बाद फिर से लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू की चर्चा हो रही है. वक्त रहते हम नहीं समझे तो आने वाले दिनों में और भी भयानक मंजर देखने को मिल सकते हैं.

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एक नजर में कोरोना की शुरुआत-

एक मरीज मिलने के बाद समता कॉलोनी में दुकानों में इतनी दहशत रही कि दुकानें बंद कर दी गई थी. जिस गली में मरीज मिले लोगों ने उस तरफ देखना छोड़ दिया. यहां कर्फ्यू जैसी स्थिति बन गई थी. 23 मार्च की रात 8 बजे से देश भर में लॉकडाउन लग गया.

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पीक का समय-

22 सितंबर को कोरोना पीक पर पहुंचा, जब रोजाना 3000 से ज्यादा मरीज मिले, 40 से ज्यादा जान जा रही थी.

अंत की ओर कोरोना लेकिन फिर लौटा-

इसके बाद हर महीने कोरोना संक्रमण में लगातार गिरावट दर्ज की गई. फरवरी 2021 में संक्रमण दर सिर्फ 1% तक जा पहुंची.

कोरोना 2.0 की आशंका-

8 मार्च 2021 से छत्तीसगढ़ में कोरोना ने पलटवार किया. स्थिति ये है कि प्रदेश 65 दिन पुरानी स्थिति में जा पहुंचा है.

भाजपा ने छत्तीसगढ़ सरकार पर लगाये गंभीर आरोप

पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कोरोना के केस बढ़ने को लेकर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने लापरवाही का काम किया है. कोरोना वैक्सीन महीनों से आकर पड़ी रही और उसे जनता को नहीं लगाया गया. हेल्थ वर्कर्स को भी कोरोना वैक्सीन नहीं लगाई गई. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा छत्तीसगढ़ की सरकार जनता को उत्सव में डूबा कर गुमराह करने का काम किया. आज कोरोना काल के दरमियान भी हजारों की संख्या में लोग क्रिकेट मैच देखने पहुंचे हैं. इतना ही नहीं कांग्रेस ने लगातार राजनीतिक आयोजन भी किए. कई महीनों की मेहनत के बाद जब कोरोना की रफ्तार कम हुई तो सरकार और ज्यादा लापरवाह हो गई.

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नेता प्रतिपक्ष ने साधा निशाना

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोरोना के केस बढ़ते जा रहे हैं. राजधानी से लेकर बाकी जिलों में भी कोरोना का लगातार विस्तार हो रहा है. यह चिंता का विषय है. मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूरी है. नियमों का पालन कराने में छत्तीसगढ़ सरकार उदासीन रही है.

सावधानी बेहद जरूरी : सिंहदेव

भारतीय जनता पार्टी के लगाए गए आरोपों को लेकर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि कोरोना के प्रकरण बढ़ने लगे हैं. हालांकि सितंबर में जैसे हालात थे वैसे हालात अभी नहीं है. लेकिन जहां 100 के आसपास टेस्ट में 1 मरीज की बात आ रही थी, अब यह संख्या 2 के आस-पास आती जा रही है. हम टेस्ट भी ज्यादा करवा रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि हमें बड़े आयोजनों से बचना चाहिए. उन्होंने लोगों से भी कोरोना के नियनों की सख्ती से पालन करने की अपील की है.

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'सार्वजनिक आयोजनों पर रोक लगाई जाए'

सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कोरोना बढ़ने के पीछे सार्वजनिक आयोजनों को दोषी करार दिया है. सामाजिक कार्यकर्ता ममता शर्मा कहती हैं कोरोना से बचाव के लिए सरकारी तंत्र की ओर से बनाई गई गाइडलाइन का पालन करवाने में भी ढिलाई दिखी. दीपावली के बाद से लगातार कोविड-19 कर लापरवाही देखने को मिली है. जिस तरह से लगातार राजनीतिक, सामाजिक और अन्य आयोजन में होते रहे, कोरोना का खतरा बढ़ता गया.

सावधानी बरतने की जरूरत

छत्तीसगढ़ में राजनीतिक, सामाजिक और अन्य आयोजनों को लेकर लगातार लापरवाही बरती गई. इसी का नतीजा है कि कोरोना की दूसरी लहर छत्तीसगढ़ में भी तेज हो चुकी है. यदि अब भी सावधानी नहीं बरती गई तो हालात और भी बुरे हो सकते हैं.

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