रायपुर:कोरोना की वजह से राज्यों की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है. कोरोना काल में उद्योग, धंधे, व्यापार, रोजगार सब ठप पड़े हुए हैं. इसका असर सरकार की आय पर भी पड़ा है. आलम यह है कि अब आर्थिक तंगी से जूझ रही राज्य सरकारें प्रदेश की जनता पर नया टैक्स या उपकर (सेस) लगाने की फिराक में है. यह सरकारें जल्द कोरोना सेस या उपकर लगाने की तैयारी में है. उन राज्यों में छत्तीसगढ़ भी शामिल है. जिसने केंद्र सरकार से 1% कोरोना सेस लगाने को लेकर चर्चा की है.
हालांकि अभी तक केंद्र सरकार ने उपकर (सेस) लगाने की अनुमति नहीं दी है. बावजूद इसके राज्य सरकार सेस को लेकर तैयारी में जुट गई है. यदि केंद्र सरकार से यह कोरोना सेस लगाने की अनुमति मिलती है तो छत्तीसगढ़ में 1% कोरोना सेस लगाया जाएगा.
छोटे राज्यों के आर्थिक हालात ज्यादा खराब
जीएसटी मंत्री टीएस सिंहदेव से जब यह सवाल किया गया कि क्या आर्थिक स्थिति को देखते हुए आने वाले समय में छत्तीसगढ़ सरकार कोई नया टैक्स है या फिर कोविड-19 उपकर लगा सकती है ? जिसके जवाब में मंत्री सिंहदेव ने कहा कि जीएसटी काउंसलिंग की बैठक में सिक्किम ने इस बात को उठाया कि उनके यहां कोरोना के खर्चे इत्यादि के लिए पैसों का बहुत अभाव है और तुलनात्मक दृष्टि से पैसे बहुत कम हैं. छोटे राज्यों के अपने राजस्व के संसाधन नहीं के बराबर होते हैं. सिक्किम की तरफ से यह प्रपोजल आया था कि 1% सेस लगाया जाए. सभी राज्यों का कहना था कि केरल में सेस लगाने की अनुमति मिली थी. केरल में उस समय भीषण बाढ़ की स्थिति थी. उस परिस्थिति में 2 साल की सेस लगाने की अनुमति केरल सरकार को मिली थी. कोरोना के नाम पर यदि एक राज्य सेस लगाने देते हैं तो हर राज्य में कोरोना की यहीं स्थिति है. इस बात पर अभी फैसला नहीं हुआ है.
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1% सेस लगाया जा सकता है
क्या छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में 1% कोरोना सेस लगाने के पक्ष में हैं ? इसपर स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा कि पैसे नहीं हैं. सरकार के पास पैसों का अभाव है. 1% सेस अगर कहीं पूरे देश में लगाने की बात होती है तो छत्तीसगढ़ भी 1% सेस लगाएगी.
इस साल अच्छी आमदनी का अनुमान
जब मंत्री सिंहदेव से राजस्व के आवक को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि पिछले साल जीएसटी के करीब 1330 करोड़ कम मिले थे, सीधा-सीधा आधा, जो हमको मिलना चाहिए था, जो हमारा शॉर्ट फुल था. 2666 करोड़ हमारा शेष था, उसमें से केंद्र सरकार से 1835 करोड़ हमको लोन इत्यादि के लिए मिला और बाकी जो शेष है, वह डूब गया. जबकि यह 14% प्रोटेक्टेड वैल्यू की बात है. सिंहदेव ने कहा कि इस साल प्रोटेक्टेड वैल्यू 16 हजार करोड़ लगभग आंकी गई है. इसमें आमदनी ज्यादा होगी ऐसा हम लोगों को अनुमान है.
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