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SPECIAL: कलाकारों को नहीं मिल रही दर्शकों की ताली, कैसे हो गुजारा जब जेब हो खाली - chhattisgarh folk artist

एक कलाकार की सबसे कीमती चीज उसकी कला है. जब उसकी कला को तालियां और सराहना मिलती है तो कम पेमेंट होने के बाद भी कलाकार काफी खुश होता है. कोरोना ने तालियां और कमाई दोनों ही कलाकारों से छीन ली है.

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कोरोना और लॉकडाउन का कलाकारों पर असर

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Published : Dec 7, 2020, 5:41 PM IST

Updated : Dec 7, 2020, 6:00 PM IST

रायपुर: कोरोना संक्रमण के चलते सभी सेक्टर प्रभावित हुए हैं. सबसे ज्यादा कोई प्रभावित हुआ है तो वे कला जगत से जुड़े हुए लोग हैं. कोरोना संक्रमण के दौरान किसी भी तरह के स्टेज शो आयोजनों की अनुमति नहीं थी. लंबे समय से यह प्रतिबंध कार्यक्रमों के आयोजन में लगा हुआ है जिससे कलाकारों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

कोरोना और लॉकडाउन ने हर वर्ग के कलाकारों को प्रभावित किया

कोरोना और लॉकडाउन से रोजी-रोटी की दिक्कत

ETV भारत ने शहर के कलाकारों से बातचीत की. फिल्म अभिनेता और संगीतकार सुनील तिवारी ने बताया कि कला और कलाकारों को कोविड-19 ने बहुत प्रभावित किया है. उन्होंने कहा कि कलाकारी लग्जरी सेगमेंट में आती है. भले ही सरकार ने स्टेज शो पर प्रतिबंध हटा दिया है, लेकिन इस मुश्किल समय में स्टेज शो चालू होने पर भी लोग मनोरंजन में पैसे खर्च करना फिजूलखर्जी ही समझेंगे.

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'कलाकारों की स्थिति काफी दयनीय'

तिवारी ने कहा कि कलाकारों को लेकर जो दावे किए जाते हैं, हकीकत उससे एकदम अलग है. कलाकारों को पेमेंट को लेकर बहुत सी दिक्कतें हैं. लंबे समय से भुगतान भी बचा हुआ है. जो भुगतान किया जाता है, उसमें भी 30% राशि कटकर ही मिलती है. उन्होंने कहा कि कलाकारों की स्थिति काफी दुखदायी है. विभागीय स्तर पर मामले में पुनर्विचार होना चाहिए.

'कलाकारों के लिए पॉलिसी बनाए सरकार'

फिल्म अभिनेता पद्मश्री अनुज शर्मा ने बताया कि कोरोना के चलते कलाकारों की रोजी-रोटी बुरी तरह से प्रभावित हुई है. सभी आयोजनों पर प्रतिबंध लग गया है. छोटे कलाकारों को बहुत आर्थिक नुकसान हुआ है. अनुज शर्मा ने बताया कि सरकार से अभी तक कलाकारों को किसी प्रकार की मदद नहीं मिली है. सबसे दुखद पहलू ये है कि पुराने कार्यक्रमों के पेंडिंग भुगतान भी उन्हें नहीं हो पाए हैं. इसके अलावा जो पेमेंट हो रहे हैं, उनमें भी भारी कटौती की जा रही है. शर्मा ने कहा कि बाहर से बुलाए गए कलाकारों को एडवांस पेमेंट दिया जाता है, जबकि छत्तीसगढ़ के कलाकारों को कार्यक्रम के साल- दो साल बाद भी पेमेंट के लिए भटकना पड़ता है. उन्होंने इसके लिए सरकार से पॉलिसी बनाने की मांग की.

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'कलाकारों को होना होगा डिजिटल'

राग बैंड के संचालक अनुराग देवांगन ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते सभी प्रभावित हुए हैं. ऐसा हो सकता है कि दोबारा भी इस तरह की स्थिति आए. उन्होंने कहा कि कलाकारों को अपनी दिशा बदलनी पड़ेगी. कलाकारों को तकनीकि रूप से मजबूत होना पड़ेगा. घर बैठे ऑडियन्स को किस तरह जोड़ा जा सके इस पर काम करना होगा.

'सरकार से कलाकारों के हित को लेकर हो रही चर्चा'

छत्तीसगढ़ी गायक दिलीप षड़ंगी ने ETV भारत से चर्चा में बताया कि सरकार से कलाकारों के हित को लेकर चर्चा चल रही है. संस्कृति मंत्री और मुख्यमंत्री से कई सारी योजनाओं पर बात हुई है. जल्दी ही कलाकारों के हित में परिणाम देखने को मिलेंगे. षड़ंगी ने कहा कि विभागों की तरफ से कलाकारों के कार्यक्रमों के भुगतान में जो कटौती की जा रही है, उस संबंध में भी बात चल रही है.

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कोरोना ने कला और कलाकारों को काफी प्रभावित किया है. इसी वजह से कई कलाकारों ने अपनी जिंदगी चलाने के लिए दूसरे काम करने शुरू कर दिए हैं. कोई सब्जी बेच रहा है तो कोई लिपाई-पुताई का काम कर रहा है. हालंकि धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर आने लगी है. अभी 5 से 10 प्रतिशत काम शुरू हुआ है.

Last Updated : Dec 7, 2020, 6:00 PM IST

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