रायपुर:वैसे तो भारत में मार्च के महीने में कोरोना ने तेजी से पैर पसारना शुरू कर दिया था, लेकिन छत्तीसगढ़ करीब-करीब इससे बचा हुआ था. अप्रैल का पूरा महीना और आधी मई तक प्रदेश की स्थिति कोविड 19 के मामले में काफी ठीक-ठाक थी, लेकिन 20 मई के बाद प्रदेश में भी हालात बिगड़ने शुरू हो गए. प्रदेश में एक संक्रमित मरीज से आंकड़ा अब सैकड़ों संक्रमित मरीजों तक पहुंच गया है. इस बीच वैश्विक महामारी ने प्रदेश में 4 जान भी ले ली.
अनलॉक से लापरवाह हुए लोग
लॉकडाउन 4 से ही दूसरे प्रदेशों के कई शहरों से ज्यादातर अनलॉक जैसा माहौल बन गया था. अब हालात ये हैं कि स्कूल, कॉलेज, मॉल सिनेमा घरों को छोड़कर सब कुछ खोल दिया गया है. लगभग सभी बाजार भी ओपेन हैं, इसके साथ ही जिलों में सार्वजनिक यातायात भी शुरू हो चुका है. जिसके बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या में भारी बढ़ोतरी होने लगी है. हालात ये है कि 6 जून तक प्रदेश में कोरोना के एक्टिव मरीजों की संख्या करीब 1 हजार तक पहुंच चुकी है.
प्रवासी मजदूरों की वापसी के बाद तेजी से बढ़े मामले
प्रदेश में प्रवासी मजदूरों की वापसी के बाद कोरोना के मामलों में तेजी आई है. प्रदेश के कई जिले जैसे, मुंगेली, कवर्धा, जांजगीर, बलौदाबाजार में हाल ही में कोरोना वायरस के केस बड़ी संख्या में बढ़े हैं, इनमें भी वे लोग ज्यादा हैं जो दूसरे राज्यों से वापस प्रदेश लौटे हैं या उनके निकट संबंधी हैं. जैसी कि आशंका जताई जा रही थी कि कोरोना के ग्रामीण इलाकों में दस्तक देने के बाद खतरा कई गुना ज्यादा बढ़ सकता है, छत्तीसगढ़ अब इसी दौर से गुजर रहा है और सरकार की चुनौतियां भी काफी ज्यादा बढ़ गई हैं.
1 जून से देश के साथ ही पूरे प्रदेश को भी अनलॉक किया गया और इसके बाद से कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा भी काफी तेजी से बढ़ने लगा है. प्रदेश में 1 जून से 5 जून की बात की जाए तो इन पांच दिनों में ही आंकड़ा काफी तेजी से बढ़ा है, सिर्फ इन पांच दिनों में ही 362 मामले सामने आए हैं. 1 जून को प्रदेश में 45 मामले सामने आए थे तो वहीं 2 जून को 9 मामले, 3 जून को 34 तो 4 जून को 147 और 5 जून को 127 मामले सामने आए. जहां शुरुआत में कोरोना के मामले रायपुर, भिलाई, बिलासपुर और कोरबा जैसे शहरों से आए थे तो वहीं अब ज्यादातर मामले ग्रामीण इलाकों में सामने आ रहे हैं.