रायपुर: छत्तीसगढ़ में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. लगातार ईटीवी भारत ऐसी प्रतिभाओं से आप सभी को रूबरू कराता है. इसी कड़ी में आज हम आपको ऐसी प्रतिभा से मिलवाने जा रहे हैं जिन्होंने बिना गुरु के ही फाइन आर्ट में महारत हासिल की है. अपने अभ्यास और अपनी मेहतन के बल पर आज ये ऐसी कलाकृतियां रंगों से उकेर रहीं हैं. जिसे देख कर आप दंग रह जाएंगे. हम बात कर रहें हैं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की पीएचडी स्कॉलर सुरभि वर्मा की, जो अपनी पढ़ाई के साथ फाइन आर्ट के क्षेत्र में कार्य कर रहीं हैं. फाइन आर्ट में सुरभि ने इस तरह से महारत हासिल कि है कि वे 7 मिनट में लोगों का हूबहू चेहरा कैनवास पर उतार देती हैं. ईटीवी भारत ने सुरभि वर्मा से खास बातचीत की है.
कैनवास की कलाकार सुरभि वर्मा सवाल- आपने पेंटिंग बनाने की शुरुआत कब की ?जवाब- शुरुआत बचपन से हुई ,बचपन में सभी पेंटिंग, ड्राइंग करते हैं लेकिन मैंने कभी भी पेंटिंग ड्राइंग नहीं छोड़ी और पेंटिंग बनाने का सिलसिला जारी रहा. गर्मियों की छुट्टी का समय आर्ट वर्क में ही बीता करता था. ड्राइंग करते-करते यह मेरी आदत में आ गया.सवाल- आपने कहीं से ट्रेनिंग ली है. या खुद सीखा हैजवाब- आपका गुरु एक्सपीरियंस होता है, आप जो प्रैक्टिस करते हैं उससे आप बहुत ज्यादा सीखते हैं, मैं एग्रीकल्चर की स्टूडेंट हूं और मेरी कोई अकादमिक योग्यता नहीं है. मेरे लिए प्रैक्टिस करना ही सबसे महत्वपूर्ण रहा है. बीच-बीच में मम्मी, पापा की गाइडेंस मिलती रहती है. आज मैं जो कुछ भी हूं उसके पीछे भी मेरी मेहनत और मेरी प्रैक्टिस है.
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सवाल-अभी आप एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय में क्या पढ़ाई कर रहीं हैं?
जवाब- मैं इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय से पीएचडी फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रही हूं. मेरा सब्जेक्ट जेनेटिक प्लांट ब्रीडिंग कुसुम भाजी पर रिसर्च कर चल रही है और यह मेरा फाइनल इयर है.
सवाल- पढ़ाई के बाद आप नौकरी करेंगी या आर्ट वर्क करेंगी ?
जवाब- लोग कहते हैं कि मैं जिज़ विषय की पढ़ाई कर रही हूँ उसमें अच्छी नौकरी मिलेगी और आने वाले दिनों में रिसर्च वर्क भी करूंगी. लेकिन मेरा ड्रीम जॉब आर्ट वर्क ही है जिसे मैं कुछ साल बाद करूंगी. मुझे एक ऐसी क्लास खोलनी है जहां बच्चे सही में सीखें. जिन्हें भी पेंटिंग ,ड्राइंग ,कला से प्यार है , चाहे वह किसी भी उम्र का इंसान क्यों ना हो. उनके लिए मैं एक क्लास खोलूंगी जहां आर्ट गैलरी होगी बच्चों की लर्निंग भी होगी. जो फीस देना चाहे वह चीज दे सकता है जो फीस नहीं भेजना चाहे उन्हें मैं फ्री में आर्ट वर्क सिखाउंगी. यह सब करने के लिए पहले मुझे फाइनेंशली स्ट्रॉंग होना पड़ेगा. कुछ साल मैं एग्रीकल्चर फील्ड में काम करूंगी उसके बाद अपने आर्टवर्क में आना पसंद करूंगी.
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सवाल- आपने कहां-कहां इस कला का प्रदर्शन किया है?
जवाब- मैंने हरियाणा ,राजस्थान, बीकानेर जैसे अलग-अलग राज्यों में नेशनल प्रतिभागी के तौर पर भाग लिया है. इसके अलावा एग्जिबिशन भी समय-समय पर होने वाले आयोजनों में लगाए जाते हैं और लोगों का सपोर्ट भी बहुत मिलता है. मैं मूलतः जगदलपुर की रहने वाली हूं और जगदलपुर में भी बहुत से एग्जिबिशन लगाए गए हैं.
सवाल - आप लोगों के हूबहू स्केच तैयार कर रही हैं.आप सीधा स्केच से ही बनाना शुरु कर देती हैं. उसमें किसी तरह से भी गलती की गुंजाइश नहीं है यह आप कैसे कर पाती हैं?
जवाब- यह सारी चीजें प्रैक्टिस के कारण ही हो पाई है मैं अपनी क्लास भी चलाती हूं. उसमें मैं अपने बच्चों को सिर्फ यही कहती हूं कि, आप मेरे पास भी मत आओ मुझे ना ही पैसे चाहिए बस आप लोग प्रैक्टिस करते रहें. मैंने इस चीज को रिलाइज किया कि, आप जितनी प्रैक्टिस करते हैं आप इतना अच्छा काम कर पाते हैं. किसी का चेहरा बनाना आसान बात नहीं होती है जब तक आपका हाथ सेट नहीं होता तब तक आप यह नहीं कर सकते यह सभी चीजें प्रैक्टिस के दम पर ही आई है. आप लगातार अभ्यास करते रहेंगे तो आपका वर्क और अच्छा हो जाएगा.
सवाल- किसी फेस स्केच को बनाने में आपको कितना वक्त लगता है
जवाब- मुझे किसी तरह का स्केच या फेस बनाने में 7 मिनट का ही वक्त लगता है.