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आरोग्य सेतु एप पर बीजेपी-कांग्रेस में तकरार, ये है आईटी एक्सपर्ट की राय

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Published : May 8, 2020, 12:06 PM IST

Updated : May 8, 2020, 2:20 PM IST

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोरोना वायरस से बचने के लिए बनाए गए 'आरोग्य सेतु एप' को लेकर केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि 'आरोग्य सेतु एप' एक आधुनिक निगरानी प्रणाली है, जिसे एक निजी ऑपरेटर को आउटसोर्स किया गया है. इससे कोई संस्थागत जांच परख नहीं है, जिसे लेकर ETV भारत ने 'आरोग्य सेतु एप' की पड़ताल की. साथ ही भाजपा-कांग्रेस के नेताओं सहित IT एक्सपर्ट की राय जानी. पढ़िए पूरी खबर...

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'आरोग्य सेतु एप' पर बढ़ी सियासत

रायपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में देशवासियों से 'आरोग्य सेतु एप' डाउनलोड करने का आग्रह किया था. यह एप आसपास मौजूद कोरोना पॉजिटिव मरीजों के बारे में जानकारी देता है, लेकिन अब इस एप को लेकर पक्ष-विपक्ष में विवाद शुरू हो गया है. एप को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि आरोग्य ऐप एक आधुनिक निगरानी प्रणाली है, जिसे एक निजी ऑपरेटर को आउटसोर्स किया गया है. राहुल गांधी के आरोपों के बाद ETV भारत की टीम ने मामले की पड़ताल की, जिसमें भाजपा-कांग्रेस के नेताओं सहित IT एक्सपर्ट की राय जानी.

बीजेपी-कांग्रेस में तकरार

आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करते समय आपको सबसे पहले ब्लूटूथ और लोकेशन ऑन करनी पड़ती है. साथ ही इसमें आपके नाम सहित कई महत्वपूर्ण जानकारियां देनी होती है. उसमें आपके स्वास्थ्य संबंधित जानकारी भी होती है. इसके बाद आपका नंबर रजिस्टर्ड हो जाता है, फिर आप इस एप को इस्तेमाल कर सकते हैं.

छत्तीसगढ़ में भी ऐप को लेकर बयानबाजी

राहुल गांधी के उठाए गए सवाल के बाद देशभर में आरोग्य सेतु एप को लेकर कांग्रेस ने मोर्चा खोल दिया है. छत्तीसगढ़ में भी इस एप को लेकर कांग्रेस ने बयानबाजी शुरू कर दी है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी का कहना है कि इस एप से व्यक्ति की निजता का कहीं न कहीं हनन होता है, इनमें डाटा सुरक्षित नहीं है. इस प्रकार की बातें सामने आ रही हैं. ऐसे में सरकार को 'आरोग्य सेतु एप' को लेकर पहले जनता को यह भरोसा दिलाना चाहिए, क्या यह पूरी तरह से सुरक्षित है, लेकिन अभी तक ऐसा कोई भी गाइडलाइन केंद्र सरकार की ओर से जारी नहीं की गई है. राहुल गांधी ने हमेशा ही जब भी कोई आरोप लगाए हैं, तथ्यों के साथ आरोप लगाए. लेकिन सरकार बिना तथ्यों के बयानबाजी करके उन आरोपों को खारिज करने का काम कर रही है, जिसे जनता समझ रही है.

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जनता की सहूलियत के लिए बना एप

इधर कांग्रेस के इन आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा है कि राहुल गांधी देश के एक ऐसे नेता हैं, जिनको सुनना तो पड़ता है, लेकिन उनकी बातों पर अमल करने की आवश्यकता नहीं होती है. श्रीवास्तव ने कहा कि आरोग्य सेतु एप कोरोना संक्रमण के दौरान जनता की सहूलियत के लिए बनाया गया है, जिसमें कोरोना संक्रमण से संबंधित जानकारियों और बचने के उपाय शामिल हैं. सरकार ने साफ कर दिया है कि इसकी हैकिंग या फिर इसकी सुरक्षा को लेकर किसी तरह की कमी या खामियां नहीं बरती गई हैं.

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'सरकार ने ऐप की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा'
एप को लेकर IT एक्सपर्ट आशीष गुप्ता का कहना है कि एप में अगर कोई जानकारी दी जाती है, तो वह जानकारी कहीं न कहीं सर्वर में सेव हो जाती है. साथ ही इसके माध्यम से आप जहां भी जाते हैं, लोकेशन ट्रेस होती है. इससे कोरोना संक्रमित के आसपास आने या फिर उससे संबंधित कोई भी जानकारी आपको तत्काल मिल जाती है, जिससे आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं. लेकिन एप में किसी तरह की खामियां कमी पाई गईं, तो इससे हैकर इस डाटा या जानकारी को हासिल कर सकते हैं, हालांकि आरोग्य सेतु एप को लेकर सरकार ने आश्वस्त किया है कि इस ऐप को हैक नहीं किया जा सकता है. सरकार ने एप की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा है.

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ऐप में जरा सी भी चूक हैकर लिए रास्ता खोल देगा

इस पड़ताल में यह साफ हो गया है कि अगर कोई व्यक्ति किसी भी एप का इस्तेमाल करता है, तो कहीं न कहीं सर्वर में उसकी जानकारी एकत्र हो जाती है. साथ ही अगर उस ऐप के माध्यम से ब्लूटूथ या लोकेशन को चालू रखा जाता है, तो उस व्यक्ति की लोकेशन सर्वर में ट्रेस होती रहती है, जिससे उसके आने जाने की सारी जानकारी इस सर्वर में एकत्र हो जाती है. ऐसे में अगर इस एप में जरा सी भी चूक या खामी पाई गई, तो उसका फायदा उठाते हुए हैकर डाटा को चोरी करके उसका गलत इस्तेमाल भी कर सकते हैं.

'सुरक्षा और निजता को लेकर चिंता'

बता दें कि आरोग्य सेतु एप को लेकर राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि आरोग्य सेतु एप एक आधुनिक निगरानी प्रणाली है, जिसे एक निजी ऑपरेटर को आउटसोर्स किया गया है. इससे कोई संस्थागत जांच परख नहीं है. इससे डाटा सुरक्षा और निजता को लेकर गंभीर चिंता पैदा हो रही है. प्रौद्योगिकी हमें सुरक्षित रहने में मदद कर सकती है, लेकिन नागरिकों की सहमति के बिना उन पर नजर रखने का डर नहीं होना चाहिए.

Last Updated : May 8, 2020, 2:20 PM IST

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