रायपुर:छत्तीसगढ़ में संविदा कर्मचारी इन दिनों प्रदेश सरकार के खिलाफ अलग-अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. दरअसल, बघेल सरकार की ओर से संविदा कर्मचारियों पर एस्मा लगाए जाने के ऐलान के बाद से ही संविदाकर्मी बघेल सरकार से खासे नाराज हैं. ये कभी जल में जाकर प्रदर्शन कर रहे हैं. तो कभी सामूहिक इस्तीफा दे रहे हैं. अब सोमवार को ये अनोखे तरीके से विरोध प्रदर्शन करेंगे. हरेली के दिन जेल भरो आंदोलन कर ये सरकार के खिलाफ हल्ला बोल विरोध प्रदर्शन करने वाले हैं.
Contract Workers Jail Bharo Movement: हरेली पर संविदाकर्मियों का हल्ला बोल, करेंगे "जेल भरो आंदोलन"
Contract Workers Jail Bharo Movement: हरेली के दिन संविदाकर्मी गेड़ी पर चढ़कर "जेल भरो आंदोलन" करेंगे. लगातार बघेल सरकार के खिलाफ इनका गुस्सा बढ़ता जा रहा है. संविदाकर्मी अलग-अलग तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. बघेल सरकार की ओर से एस्मा लगाए जाने से संविदाकर्मी नाराज हैं. Contract workers protest on Hareli Tihar
संविदाकर्मियों का जेल भरो आंदोलन : छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ अपनी एक सूत्रीय मांग नियमितीकरण को लेकर सोमवार को "जेल भरो आंदोलन" करने जा रही है. हरेली के दिन इलका प्रदर्शन अलग होगा. ये हरेली तिहार के दिन गेड़ी चढ़कर जेल भरो आंदोलन करेंगे. दरअसल, 3 जुलाई से ही पूरे प्रदेश में विभिन्न विभागों में काम करने वाले संविदा कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. नवा रायपुर के तूता धरना स्थल पर संविदा कर्मचारी अपनी मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. 10 जुलाई को संविदाकर्मियों ने विरोध प्रदर्शन किया. इसके बाद 11 जुलाई को स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों पर बघेल सरकार द्वारा एस्मा लगा दिया गया. बघेल सरकार की ओर से एस्मा लगाए जाने से संविदाकर्मी भड़क गए. इसके बाद से ही ये अलग-अलग तरीके से सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
गेड़ी चढ़कर करेंगे आंदोलन:हरेली के दिन गेड़ी चढ़कर ये "जेल भरो आंदोलन" करेंगे. इस दौरान संविदा कर्मचारी अपने हाथों में हथकड़ी लगाकर जेल जाने की तैयारी कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ में विभिन्न विभागों में काम करने वाले लगभग 45 हजार संविदा कर्मचारी अपनी 1 सूत्रीय मांग नियमितीकरण को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. कांग्रेस ने चुनाव के पूर्व संविदा कर्मचारियों से वादा किया था. वादे के अनुसार कांग्रेस सरकार बनते ही 10 दिनों के भीतर संविदा कर्मचारियों को नियमित कर दिया जाना था. लेकिन सरकार को बने साढ़े 4 साल से भी अधिक का समय बीत गया है. बावजूद इसके संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण नहीं हो पाया है. इसे लेकर संविदा कर्मचारियों में खासी नाराजगी है.