रायपुर:वर्तमान सरकार सहित पूर्ववर्ती सरकारों के द्वारा लगातार इंफ्रास्ट्रक्चर के दावे किए जाते रहे हैं. बड़े-बड़े निर्माण पुल-पुलिया बनाए जाने की बात कही गई. लोकार्पण और भूमि पूजन की बाढ़ सी आ गई. लेकिन यह सिर्फ कागजों तक ही सिमट कर रह गया. इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि रायपुर के गोगांव स्थित रेलवे फाटक के पास बन रहा अंडर ब्रिज का काम 6 साल बाद भी पूरा नहीं हो सका है.
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कछुआ गति से चल रहा निर्माण कार्य: गोगांव रेलवे अंडर ब्रिज (Gogaon Railway Under Bridge ) के कछुआ गति से निर्माण कार्य किया जा रहा है. इस वजह से वहां ना सिर्फ रहने वाले लोग परेशान हो रहे हैं बल्कि उसके आसपास का व्यवसाय भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इतना ही नहीं वहां से रोज गुजरने वाले हजारों लोग भी परेशान हो रहे हैं. हालांकि पिछले तीन-चार महीने से यहां काम में तेजी लाई गई है. बावजूद इसके यह निर्माण कार्य कब तक पूर्ण हो सकेगा. यह कह पाना अब भी मुश्किल है. क्योंकि निर्माण कार्य शुरू होने के बाद अब बारिश का मौसम शुरू हो गया है.
बरसात के मौसम में सारे निर्माण कार्य पर लगभग रोक सी लग जाती है. इस काम पर भी बारिश के दौरान रोक लगने की संभावना बरकरार है. कुछ दिन पहले ही पीडब्ल्यूडी मंत्री रामदास साहू ने भी इस निर्माणाधीन गोगांव अंडर ब्रिज का निरीक्षण किया था. इस निर्माण कार्य को गति प्रदान करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया था. निर्माण कार्य के दौरान कोई हादसा ना हो उसके लिए सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए.
एप्रोच रोड भी की गई बंद: इस रास्ते से एक समय पैदल, साइकिल, मोटरसाइकिल और कार से गुजरने वालों की संख्या काफी थी. यहां तक की बड़े-बड़े ट्रक भी इस रास्ते से गुजरते थे, लेकिन जब से निर्माण कार्य शुरू हुआ है यह रास्ता बड़े वाहन तो क्या है दोपहिया वाहनों के चलने लायक भी नहीं. अब इस रास्ते को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है.
दुसरा विकल्प:स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि आवाजाही के लिए इस रास्ते का इस्तेमाल नहीं किया जाए तो दूसरा रास्ता लगभग 4 से 5 किलोमीटर दूर घूमकर गोंडवारा ओवर ब्रिज से जाना पड़ता है. ऐसे भी महज 300 से 400 मीटर की दूरी तय करने के लिए लगभग 4 से 5 किलोमीटर का लंबा सफर तय करना पड़ता है. जिस वजह से न सिर्फ दूरी बढ़ जाती है, बल्कि समय भी बहुत ज्यादा लगता है. इस अंडर ब्रिज के निर्माण में हो रही देरी की वजह से उन लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है.
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स्कूल जाने वाले बच्चे भी हो रहे परेशान:बच्चों के स्कूल खुल चुके हैं. ऐसे में इस रास्ते से गुजरने वाले हजारों बच्चे इस निर्माणाधीन अंडर ब्रिज की वजह से परेशान हो रहे हैं, उन बच्चों को भी या तो यह है सड़क पैदल चलकर पार करनी होती है या फिर दूसरे रास्ते के लिए लंबा घूम कर जाना पड़ता है. इस वजह से बच्चों को काफी परेशानी हो रही है.
मिट्टी खिसकने से हमेशा बनी रहती है हादसे की आशंका: यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि इस अंडर ब्रिज के निर्माण के दौरान हमेशा किसी बड़े हादसे की आशंका बनी रहती है. इस अंडर ब्रिज से लगा हुआ बिजली टावर, आजू-बाजू बने घर और दुकान कभी भी मिट्टी खिसकने से जमींदोज हो सकते हैं. ऐसा हुआ तो इसका खामियाजा बड़े स्तर पर यहां की स्थानीय लोगों को उठाना पड़ सकता है.
6 साल बाद भी नहीं हुआ अंडर ब्रिज निर्माण कार्य:लोगों की यह परेशानी शायद शासन प्रशासन को नजर नहीं आ रही है. साल 2016 में जो अंडर ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू किया गया था. वह साल 2022 तक पूरा नहीं हो पाया है. अभी भी इस निर्माण कार्य की स्थिति को देखेंगे तो रेलवे क्रॉसिंग के एक तरफ का लगभग 50 फीसदी काम ही पूरा हो सका है. दूसरी तरफ तो चंद महीने पहले खुदाई शुरू की गई है. ऐसे में यह निर्माण कार्य कब तक पूर्ण हो सकेग? यह कह पाना मुश्किल है.
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गोगांव रेलवे अंडर ब्रिज:रायपुर के गोगांव स्थित रेलवे अंडरब्रिज का निर्माण साल 2016 में शुरू किया गया था. यह अंडरब्रिज एक साल में पूरा होना था. रेलवे पटरी के नीचे अंडर बॉक्स बनाने के साथ 15-15 मीटर का एप्रोच रोड का निर्माण किया जाना था. यह अंडरब्रिज 850 मीटर लंबा बनना है. जिसकी चौड़ाई 13 मीटर रखनी है और इस ट्रैक की ऊंचाई 9 मीटर रहेगी. 30 करोड़ से ज्यादा की लागत खर्च कर इस अंडर ब्रिज को बनाया जाना था, लेकिन अब तक इसका निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है. उरकुरा-सरोना रेल लाइन पर सबसे ज्यादा माल गाड़ी का परिचालन इसी ट्रैक से होता है.
पीडब्ल्यूडी मंत्री ने कार्य में तेजी लाने के दिए निर्देश: हाल ही में 10 जून को पीडब्लूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू ने गोगांव अंडर ब्रिज का निरीक्षण किया था और काम में तेजी लाने के निर्देश दिए थे. साथ ही सुरक्षा के पर्याप्त व्यवस्था किए जाने के निर्देश भी साहू ने अधिकारियों को दिए थे. रेलवे ट्रैक एक तरफ का काम लगभग 50 फीसदी से ज्यादा पूरा कर लिया गया है. दूसरी तरफ भी तेजी से काम किया जा रहा है. अब गति से यह काम चलता रहा तो जल्द ही इस अंडर ब्रिज का निर्माण हो सकेगा.