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चेन्नई की टीम बना रही प्री फेब्रिकेटेड वार्ड, तीसरी लहर से निपटने के हैं इंतजाम - चेन्नई की टीम बना रही प्री फेब्रिकेटेड वार्ड

छत्तीसगढ़ में कोरोना की तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है. स्वास्थ्य विभाग ने इससे निपटने के लिए प्री फेब्रिकेटेड वार्ड को बनाने की मंजूरी दे दी है.

pre fabricated ward
प्री फेब्रिकेटेड वार्ड

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Published : Jul 25, 2021, 11:03 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमित मरीजों की रफ्तार कम हो रही है. दूसरी लहर के बाद लगातार अब प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या कम हो रही है. लेकिन प्रदेश में कुछ इलाके ऐसे भी हैं. जहां एक्टिव मरीजों की संख्या कम तो जरूर है. लेकिन बाकी जिलों के मुकाबले वहां अभी भी मरीज की संख्या ज्यादा है. छत्तीसगढ़ में भी कोरोना की तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है. स्वास्थ्य विभाग अपनी तरफ से तैयारियों में जुटा है. स्वास्थ विभाग की तरफ से आयुर्वेदिक कॉलेज में पहले ही बच्चों के लिए स्पेशल वार्ड बनाया गया है. जिसमें 20 ऑक्सीजन बेड और 20 सामान्य बेड की व्यवस्था की गई है.

प्री फेब्रिकेटेड वार्ड

जिला अस्पताल में बनाया जा रहा है प्री फेब्रिकेटेड वार्ड

तीसरी लहर को ध्यान में रखते हुए अब स्वास्थ्य विभाग जिला अस्पताल में 20 बिस्तरों वाला प्री फेब्रिकेटेड वार्ड बना रहा है. इस वार्ड की खासियत यह है कि यह लोहे का बना है और इसे बनाने में ज्यादा समय भी नहीं लगता. यह पहले से ही रेडीमेड बनकर आता है और जिस जगह वार्ड बनाना रहता है. इसे वहां लाकर जोड़ दिया जाता है.

रायपुर के जिला अस्पताल में यह बनाया जा रहा है. इसमें मरीजों के लिए सारी सुविधा उपलब्ध होगी. वहीं एसी भी इसमें लगाया जाएगा ताकि मरीजों को गर्मी ना लगे. फिलहाल प्रदेश में कम कोरोना मरीज होने के कारण इसे जनरल बोर्ड की तरह इस्तेमाल किया जाएगा लेकिन जैसे ही मरीज बढ़ने लगेंगे. इसे कोविड वार्ड में बदल दिया जाएगा.

प्री फेब्रिकेटेड वार्ड

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10 से 15 दिन में बनकर तैयार हो जाता है वार्ड

जिला अस्पताल संचालक डॉ. पीके गुप्ता ने बताया कि प्री फेब्रिकेटेड वार्ड को बनाने में ज्यादा समय नहीं लगता. यह बना बनाया रहता है. ये चेन्नई से बनकर आया है. हमने इसका कंक्रीट बेस बनाया है. जिसके बाद इसे जोड़ा जा रहा है और चेन्नई से एक टीम आई है. जो इसे बना रही है. हमें इसमें सिर्फ पानी बिजली की सप्लाई देनी है. बेसिकली जब महामारी आती है. तब इस तरह के वार्ड का काम होता है. जिसे 10 से 15 दिन में बना कर तैयार किया जा सकता है.

कुछ जिलों में एक्टिव मरीजों की संख्या ज्यादा

छत्तीसगढ़ में संक्रमित मरीजों की संख्या कम भले ही हो रही हो लेकिन कुछ जिले ऐसे हैं जहां अभी भी बाकी जिलों के मुकाबले एक्टिव मरीजों की संख्या कई ज्यादा है. जिसमें जांजगीर-चांपा, सुकमा, बस्तर यह ऐसे इलाके हैं जहां एक्टिव मरीजों की संख्या शहरी क्षेत्रों के मुकाबले ज्यादा है. जांजगीर चांपा में 270 एक्टिव मरीज है. वहीं सुकमा में 235 और बस्तर में 212 एक्टिव मरीज है. वहीं प्रदेश के बड़े शहरों की बात की जाए तो दुर्ग में 132 एक्टिव मरीज हैं. रायपुर में 162 और बिलासपुर में 154 एक्टिव मरीज है. कहीं ना कहीं आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में कोरोना के मामले तो कम हो रहे हैं. लेकिन खतरा अभी टला नहीं है.

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