रायपुर: राज्य शासन द्वारा किसानों से खरीदा गया धान अब बारिश में खराब नहीं होगा. बारिश से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए सभी धान उपार्जन केंद्रों में मनरेगा और चौदहवें वित्त आयोग की राशि से पक्के चबूतरों का निर्माण कराया जा रहा है. इसके बन जाने से सोसाइटियों के माध्यम से उपार्जित धान को भीगकर सड़ने, चूहों और कीड़े-मकोड़े से बचाया जा सकेगा.
किसानों से खरीदे गए धान को सुरक्षित रखने के लिए कबीरधाम जिले में 215 चबूतरों का निर्माण कराया जा रहा है. इन सभी चबूतरों के निर्माण कार्य आगामी 30 जून तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि इस खरीफ मौसम के धान के उपार्जन के दौरान इनका उपयोग किया जा सके. जिले के 66 धान उपार्जन केंद्रों में कुल 4 करोड़ 15 लाख रुपए की लागत से इन चबूतरों का निर्माण कराया जा रहा है. इनके निर्माण के लिए संबंधित ग्राम पंचायतों को एजेंसी बनाया गया है.
नहीं होगा अब धान खराब, उपार्जन केंद्रों में कराया जा रहा चबूतरों का निर्माण - धान खरीदी केंद्र
किसानों से खरीदे गए धान को सुरक्षित रखने के लिए कबीरधाम जिले में 215 चबूतरों का निर्माण कराया जा रहा है. इन सभी चबूतरों के निर्माण कार्य आगामी 30 जून तक पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि इस खरीफ मौसम के धान के उपार्जन के दौरान इनका उपयोग किया जा सके.
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कबीरधाम जिले के कवर्धा जनपद पंचायत के अंतर्गत 52, बोड़ला जनपद पंचायत के अंतर्गत 46, सहसपुर लोहारा जनपद पंचायत के अंतर्गत 56 और पंडरिया जनपद पंचायत के अंतर्गत 61 चबूतरे बनाए जा रहे हैं. इनके निर्माण से बोड़ला विकासखंड के 15, कवर्धा के 16, पंडरिया के 21 और सहसपुर लोहारा विकासखंड के 14 ग्राम पंचायतों के किसानों से खरीदे धान को सुरक्षित रखा जा सकेगा. मनरेगा के तहत से हो रहे इस कार्य में जॉब कॉर्डधारक श्रमिकों को सीधे रोजगार भी मिल रहा है.