रायपुर में आरक्षण मुद्दे पर कांग्रेस ने किया हवन यज्ञ - No Governor signature on reservation bill
रायपुर में आरक्षण बिल पर राज्यपाल का हस्ताक्षर नहीं No Governor signature on reservation bill किए जाने को लेकर शुक्रवार को कांग्रेसियों ने सद्बुद्धि हवन यज्ञ का आयोजन काली मंदिर में किया. जिसके बाद रैली की शक्ल में कांग्रेसी राजभवन का घेराव करने निकले थे. कुछ ही दूरी पर पुलिस ने बैरिकेट्स लगाकर कांग्रेसियों को रोक दिया. जिसके बाद कांग्रेसियों ने वहीं पर एसडीएम को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा. कांग्रेसियों का कहना है कि आरक्षण विधेयक बिल पर राज्यपाल को जल्द ही हस्ताक्षर कर देना चाहिए. अगर ऐसा नहीं होता है, तो आने वाले समय में कांग्रेसी धरना प्रदर्शन भी करेंगे.
आरक्षण मुद्दे पर कांग्रेस ने किया हवन यज्ञ
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Published : Dec 31, 2022, 8:40 PM IST
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Updated : Dec 31, 2022, 9:37 PM IST
आरक्षण मुद्दे पर कांग्रेस ने किया हवन यज्ञ
रायपुर:आरक्षण बिल पर राज्यपाल का हस्ताक्षर नहीं किए जाने घमासान No Governor signature on reservation bill मचा हुआ है. कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि "सद्बुद्धि हवन यज्ञ के बाद भी राज्यपाल के द्वारा आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर नहीं किया जाता है, तो अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग आरक्षण के मुद्दे को लेकर धरना प्रदर्शन करेगी. छत्तीसगढ़ की जनता को सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक न्याय दिलाने के उद्देश्य से इस तरह के प्रदर्शन को जरूरी बताया. जनसंख्या के अनुसार अधिकार दिलाने के लिए भूपेश सरकार सर्वसम्मति से आरक्षण विधेयक को पारित किया गया है. ऐसे में राज्यपाल अनुसुईया उइके को आरक्षण बिल पर जल्दी हस्ताक्षर कर देना चाहिए."
कांग्रेस नेता भावेश बघेल ने कहा कि "मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश के हर वर्ग के अंतिम व्यक्ति तक उनके हितों को सुनिश्चित करने और संरक्षण प्रदान करने के लिए सभी वर्गों को समाज में उचित सम्मान दिलाने के उद्देश्य को लेकर कई योजनाएं शुरू की हैं. शुक्रवार को राज्यपाल को सद्बुद्धि आए, इसके लिए हवन यज्ञ का आयोजन किया गया है. जब तक राज्यपाल आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर नहीं किया जाता है, तब तक लगातार आंदोलन किया जाएगा."
नए आरक्षण विधेयक में क्या प्रावधान हैं: नए आरक्षण विधेयक के अनुसार अब छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति के लिए 32 फीसदी आरक्षण (schedule tribe) निर्धारित किया गया है. इसके अलावा अनुसूचित जाति के लिए 13 फीसदी आरक्षण, ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण तय किया गया है. जबकि EWS के लिए चार फीसदी रिजर्वेशन का प्रावधान है. दो दिसंबर को छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र में यह बिल पारित हुआ. उसी तारीख को यह बिल राज्यपाल को हस्ताक्षर के लिए भेजा गया है. तब से सरकार और राजभवन के बीच नए आरक्षण विधेयक पर तकरार जारी है.