रायपुरः बाल दिवस (Childrens Day) के मौके पर रायपुर (Raipur) में शिक्षा के क्षेत्र( education Field) और नवाचार में नए उपयोग को लेकर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ (Congress national spokesperson Gaurav Vallabh) से बात की. इस मौके पर गौरव वल्लव ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल (Swami Atmanand English School) के मॉडल की तारीफ की.
सवाल: जवाहर नेहरू राष्ट्रीय शिक्षा समागम का आयोजन किया गया है? किस तरह इस कार्यक्रम को देखते हैं?
जवाब: आज देश के पहले प्रधानमंत्री का 132वां जन्मदिन है. उस व्यक्ति की जन्म जयंती है जो आधुनिक भारत के निर्माता है. उस व्यक्ति की जन्म जयंती है और मुझे कहते हुए हर भारतीय की तरह गर्व हो रहा है कि हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री को 14 दफा अंतरराष्ट्रीय नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया. मुझे कहते हुए बहुत गर्व हो रहा है कि हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री की, जो चिट्ठियां है उनका संकलन इतिहास में दुनिया की श्रेष्ठ पुस्तक बन जाता है. मुझे बात को कहते हुए गर्व हो रहा है कि हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री ने अपनी पहली पंचवर्षीय योजना में सबको प्राइमरी मुफ्त शिक्षा की परिकल्पना की थी और उसी परिकल्पना को मौजूदा छत्तीसगढ़ सरकार भूपेश बघेल के नेतृत्व में स्वामी आत्मानंद सरकारी अंग्रेजी स्कूल को लेकर आगे बढ़ा रही है? आज का दिन शिक्षा समागम के लिए बेहतर दिन नहीं हो सकता.
सवाल: नई शिक्षानीति आने वाली है जिस तरह से बदलाव किया गया है किस तरह से आप उसे देखते हैं?
जवाब: पंडित नेहरू के जन्मदिन पर आज मैंने सोचा था कि राजनीतिक बात नहीं करेंगे. लेकिन आप ने सवाल पूछा पंडित नेहरू बात करते थे लोकतंत्र, इंक्लूजन, सेक्युलरिज्म की वसुधैव कुटुंबकम और सर्वधर्म सम्भाव की जो मौजूदा नीति है वह कहां पर डिस्कस हुई ? क्या वह संसद में डिस्कस हुई? वह कहा डिस्कस हुई, अचानक से उसको लागू कर दिया. इसका मतलब जो नीति बनी है. वह लोकतांत्रिक मूल्यों के आधार पर नहीं बनी है. क्या आप स्वयं इस चीज को मान रहे हो, मैं शिक्षा नीति के खिला नहीं हूं. शिक्षा नीति बननी चाहिए क्योंकि शिक्षा में जो परिवर्तन हुए हैं, उसको नई नीति के माध्यम से एड्रेस करना चाहिए लेकिन आप की जो व्यवस्था है नीति की व व्यवस्था अलोकतांत्रिक है.