रायपुर:छत्तीसगढ़ सरकार ने बुधवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी कानून (NIA एक्ट) के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है. प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है और राष्ट्रीय जांच एजेंसी कानून, 2008 यानी एनआईए एक्ट को असंवैधानिक घोषित करने का अनुरोध किया है. ये कानून साल 2008 में यूपीए सरकार द्वारा बनाया गया था. देश में पहली बार किसी राज्य सरकार ने एनआईए को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
साल 2013 में झीरम घाटी में हुए हमले की जांच एनआईए कर रही है. भीमा मंडावी का केस एनआईए को हैंडओवर अभी नहीं हुआ है कि हाईकोर्ट ने इसका आदेश दे दिया है, जिससे प्रदेश की कांग्रेस सरकार खफा है.
छत्तीसगढ़ के कौन से मामले की जांच कर रही है NIA ?
साल 2013 में छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले की झीरम घाटी में बड़ा नक्सली हमला हुआ था. इस हमले में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं समेत 29 लोगों की मौत हो गई थी. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 27 मई 2013 को इस मामले की जांच एनआईए को सौंप दी थी. इस हमले में अलग-अलग कॉडर के 88 नक्सलियों का हाथ बताया गया था. छत्तीसगढ़ सरकार इस मामले में एनआईए जांच से संतुष्ट नहीं है और केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी थी कि इस हमले की जांच राज्य सरकार एसआईटी द्वारा कराएगी.
क्यों खफा हुई छत्तीसगढ़ सरकार
पिछले दिनों भीमा मंडावी हत्याकांड मामले की भी जांच का अधिकार राज्य सरकार से छीन कर हाईकोर्ट ने एनआईए को सौंप दिया था.
मामले को लेकर राज्य सरकार ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में भी रिट अपील दायर की थी, जहां फिर से हाईकोर्ट ने एनआईए के अधिकारों का हवाला देते हुए मामले की जांच का जिम्मा सौंप दिया था.
इससे सरकार की बहुत फजीहत हुई थी. हाईकोर्ट में हार के बाद राज्य सरकार ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.