रायपुर:पिछले दो दिनों से छत्तीसगढ़ कांग्रेस अपने सोशल मीडिया पोस्ट के बहाने छत्तीसगढ़ सरकार की छवि चमकाने की कोशिश कर रही है. राजनीति का ये नया ट्रेंड हाल ही में देखने को मिला है. चोरी और आदिवासियों के साथ हुई मारपीट की घटना पर राज्य सरकार की पीठ थपथपाई जा रही है. दरअसल, बलरामपुर जिले में सरपंच पति द्वारा पंडो जनजाति के लोगों को पीटने की खबर देशभर के मीडिया में प्रसारित की गई. इस घटना की निंदा हर वर्ग के लोग कर रहे हैं. साथ ही सवाल उठने लगे कि एक संरक्षित जनजाति के लोगों को किस तरह पेड़ से बांधकर पीटा जा रहा है. इससे कहीं न कहीं प्रशासन की नाकामी भी उजागर हो रही है.
पहले डैमेज कंट्रोल फिर जताना पड़ा 'खेद'
अब इस मामले में डैमेज कंट्रोल करते हुए छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने ट्वीट कर दिया कि ये 15 जून की घटना है. इस नींदनीय घटना को अंजाम देने वाले 10 लोगों को पुलिस ने 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया. ये नवा छत्तीसगढ़ है. यानि ये संदेश देने की कोशिश की अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई होती है. ये नया छत्तीसगढ़ है. सरकार का बचाव करने के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने इस मामले में विरोधियों को निशाने पर लेते हुए अगला पोस्ट डाला. घटना होने और आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद किस षड्यंत्रकारी लोगों ने सरकार को बदनाम करने इस वीडियो को वायरल किया है. लेकिन तथ्यों की जांच के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस द्वारा फिर ट्वीट किया गया कि हमें खेद है कि हमारे द्वारा किए गए ट्वीट में कुछ भ्रामक गलतियां थी, इसे हम हटा रहे हैं.