जगदलपुर: छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेश प्रभारी ओम माथुर हाल ही में बस्तर का दौरा कर दिल्ली रवाना हुए हैं. उनके दौरे के ठीक बाद कांग्रेस बस्तर में बड़ा सम्मेलन कर रही हैं. आज होने वाले इस सम्मेलन में सीएम भूपेश बघेल भी शामिल होंगे. इसके अलावा छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा, सह प्रभारी सप्तगिरीउल्का, प्रभारी सचिव चंदन यादव, पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम, बस्तर प्रभारी कवासी लखमा व अन्य कैबिनेट के मंत्री व संगठन के पदाधिकारियों के साथ ही लगभग 2000 कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे. सम्मेलन जगदलपुर के धरमपुरा के कृष्णा गार्डन में दोपहर से शुरू होगा.
Chhattisgarh Elections 2023: बस्तर में कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन, कांग्रेस सम्मेलन में शामिल होंगे भूपेश बघेल, कुमारी शैलजा सहित 2000 कार्यकर्ता
बस्तर में आज कांग्रेस का संभाग स्तरीय सम्मेलन होने जा रहा है. इस सम्मेलन में सीएम भूपेश बघेल, कुमारी शैलजा, चंदन यादव, मोहन मरकाम शामिल हो रहे हैं. सम्मेलन में 2000 कार्यकर्ता शामिल हो रहे हैं. congress conference in bastar
बस्तर में कांग्रेस सम्मेलन: बस्तर में पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का सूपड़ा साफ करने के बाद फिर से अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए कांग्रेस जगदलपुर में संभाग स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन कर रही हैं. कहा जा रहा है कि सत्ता और संगठन की जुगलबंदी को बेहतर बनाने के लिए ये सम्मेलन किया जा रहा है. इस सम्मेलन में बस्तर में भारतीय जनता पार्टी की तैयारी और कांग्रेस संगठन की गतिविधियों की समीक्षा की जाएगी. पार्टी आगामी चुनाव के मद्देनजर दिल्ली में बैठक के बाद बस्तर में बैठक करने जा रही है. इससे माना जा रहा है कि चुनाव में उतरने से पहले अंतिम रणनीति के लिए इस बैठक के जरिए कार्य योजना बनाई जाएगी.
सत्ता की चाभी मानी जाती है बस्तर की सीटें: माना जाता है कि बस्तर संभाग की 12 विधानसभा सीटें ही छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने में मुख्य भूमिका निभाती है. यही कारण है कि सभी मुख्य दलों के नेताओं के द्वारा बस्तर में जोर दिया जाता है. बीते दिनों भाजपा प्रदेश प्रभारी ओम माथुर ने बस्तर संभाग के सभी जिलों में ताबड़तोड़ दौरा कर संगठन को मजबूत करने और कार्यकर्ताओं को एक जुट होकर लड़ने का मंत्र दिया. इधर कांग्रेस बस्तर की एक भी सीट को अपने हाथों से गंवाने के मूड़ में नहीं है. इसी वजह से सरकार के मंत्री ऐसी जगहों पर जा रहे हैं जहां पिछले 20 साल में कोई मंत्री तक नहीं गया. अब चुनाव ही बताएगा कि बस्तर दौरे का फायदा किसे और कितना मिलता है.