रायपुर: कांग्रेस ने भाजपा सरकार के कर्मचारी विरोधी रवैये की कड़ी निंदा की है. प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि मोदी सरकार द्वारा कोरोना से निपटने के नाम पर 113 लाख सैनिकों, सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के महंगाई भत्ते पर कैंची चलाने का कांग्रेस विरोध करती है. यही लोग कोरोना से जंग में अग्रिम पंक्ति के सिपाही की भूमिका निभा रहे हैं और उनकी जेब से 38 हजार करोड़ रुपए सालाना काटकर मोदी सरकार क्या साबित करना चाहती है? मोदी सरकार अपने बेफिजूल और गैरजरूरी खर्चों में कटौती करने के बजाए सरकारी कर्मचारियों, सैनिकों और पेंशनरों की राशि में कटौती कर रही है.
सरकारी कर्मचारियों की DA में कटौती पर भड़की कांग्रेस सरकारी खर्च में कटौती कर मोदी सरकार जरूरतमंदों की करे मदद
त्रिवेदी ने कहा कि मोदी सरकार को 20 हजार करोड़ के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट, 1 लाख 10 हजार करोड़ के बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट और ढाई लाख करोड़ के अपने सरकारी खर्च में कटौती करके यह पैसा देश के गरीबों, मजदूरों और जरूरतमंद लोगों को देना चाहिए. आज देश के गरीब मध्यमवर्गीय लोग, सरकारी कर्मचारी, देश के सिपाही और सैनिक कोरोना वायरस की वजह से आर्थिक संकटों से जूझ रहे हैं. ऐसे समय में उनके जख्मों पर मरहम लगाने के बजाय मोदी सरकार ने जले पर नमक छिड़कने का काम किया है.
पुरानी और भविष्य की किस्तों की देय राशि काट दी है
त्रिवेदी ने कहा कि 30 लाख 42 हजार करोड़ का केंद्र सरकार के बजट को 23 मार्च 2020 को पारित किया गया. पारित करने के बाद 23 अप्रैल को वित्त मंत्रालय ने 1 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक का महंगाई भत्ता, महंगाई राहत और सभी पुरानी और भविष्य की किस्तों की देय राशि काट दी है. 1 जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक कोई भी बकाया या पुरानी देय किस्तें किसी भी कर्मचारी या पेंशनर को नहीं दी जाएगी.