रायपुर : छत्तीसगढ़ में तखता पलट हुए डेढ़ साल से ज्यादा का समय बीत चुका है. इस बीच बात करें छत्तीसगढ़ के विकास की तो पूर्व की बीजेपी सरकार और कांग्रेस की वर्तमान सरकार के बीच विकास की खींचातानी चल रही है. बीजेपी खुद को विकास की पार्टी का दर्जा देकर कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल रही है. वहीं कांग्रेस इसे कौशल्या माता के विशाल मंदिर निर्माण को लेकर भाजपा की तिलमिलाहट बता रही है. इस राजनीति के बीच खड़ी 'विकास की दीवार' पर कांग्रेस बीजेपी एक दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं.
राजनीति पर 'विकास का बुलडोजर' सत्ता परिवर्तन को अब डेढ़ साल से ज्यादा का समय हो चुका है, लेकिन अब डेवलपमेंट और विकास के नाम पर हो रहे कामों को लेकर श्रेय लेने की होड़ लग गई है. प्रदेश में 15 सालों से सत्ता सरकार में रही भारतीय जनता पार्टी अब सत्ता में बैठी कांग्रेस के खिलाफ जमकर मोर्चा खोल रही है. ETV भारत ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा की सरकार में कद्दावर मंत्री रहे बृजमोहन अग्रवाल से बातचीत की. उनका कहना है कि राजधानी रायपुर में विकास के जगह विध्वंस हो रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार कुछ बना तो नहीं रही है तो अच्छे खासे करोड़ों के बंगलों को तोड़ने का काम जोरों से कर रही है. शहर के सरकारी दफ्तरों से लेकर कर्मचारियों के सरकारी क्वार्टर और गार्डनों को भी तोड़ा जा रहा है.
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'18 महीने में कुछ भी काम नहीं किया'
उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि कांग्रेस की सरकार राजधानी रायपुर के विकास के लिए 18 महीने में कुछ भी काम नहीं किया है. शहर में विकास के लिए एक ईंट भी नहीं रख पाए हैं, बल्कि पिछली सरकार की ओर से अरबों की संपत्ति जो कि शहर विकास के लिए तैयार की गई थी उनको एक-एक कर नष्ट किया जा रहा है. यह सरकार के कार्यकाल में विध्वंस की कहानी ही लिखी जा रही है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि पिछली सरकार के समय शुरू की गई योजनाओं को यह सरकार पूरा नहीं कर पा रही है. यही वजह है कि अब पिछली सरकार के समय निर्माण किए गए कई अच्छे कामों को भी जबरिया तोड़-फोड़ कर नष्ट किया जा रहा है.
बृजमोहन ने 30 साल में क्या काम सत्तासीन दल कांग्रेस के प्रवक्ता विकास तिवारी का कहना है कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हुए निर्माण कार्य को देखकर वे तिलमिला उठे हैं. कौशल्या माता की विशाल मंदिर के निर्माण कार्य की घोषणा, बूढ़ातालाब में बूढ़ादेव के विरासत को सहेजने सौंदर्यीकरण के काम पर मुहर लगने से भाजपा तिलमिला रही है. जनता के हित में जनता के लाभ के लिए किया जा रहा काम है. उन्होंने बृजमोहन को आड़े हाथों लेते हुए पूछा कि 30 साल से वे विधायक हैं उनको अपने विधानसभा क्षेत्र के 30 ऐसे काम बताने चाहिए जो उनके विधानसभा क्षेत्र में उन्होंने किए हैं. पुराने निर्माण कार्य को तोड़कर नया निर्माण कार्य करना यह तो अच्छा काम है. अब जनता हित के लिए काम हो रहा है, तो भाजपा के वरिष्ठ नेता अब तिलमिला उठे हैं.
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जरूरी निर्माण कार्यों को तोड़ना दुखद
इस तरह से राजधानी रायपुर में ही नए विकास कार्यों के नाम पर पहले से बने बनाए कई बड़े निर्माण कार्यों को लगातार तोड़फोड़ की कार्रवाई की जा रही है. इसे लेकर आम जनमानस में भी लगातार नाराजगी देखने को मिल रही है. कलेक्ट्रेट परिसर में चल रहे पेंशनर समाज के भवन टूट गए, महिलाओं के लिए बनाए गए आश्रय स्थल टूट गए, उद्योग भवन टूट गए, कर्मचारी संघ का भवन टूट गया. इन तमाम चीजों को लेकर कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजय झा ने भी नाराजगी जताई है. कर्मचारी संघ ने आपत्ति जताते हुए कहा है कि नया निर्माण के नाम पर पिछले जरूरी निर्माण कार्यों को थोड़ा जाना बेहद दुखद है. सबसे बड़ी बात है इस तरह के तोड़फोड़ के पहले किसी तरह की कोई चर्चा भी नहीं की गई है. अच्छे खासे निर्माण कार्य को तोड़फोड़ करने से कर्मचारियों में भी जमकर नाराजगी है. शांति नगर में सालों से निवास करने के बाद कर्मचारियों को एकाएक खाली मकान खाली करने का फरमान देखकर तोड़फोड़ कर दी गई.
कांग्रेस सरकार में तोड़े गए भवन
- स्मार्ट सिटी के पैसे से सप्रे शाला मैदान में 1.16 करोड़ की लागत से बने हेल्थी हेल्थ ट्रैक को तोड़ा गया.
- दानी स्कूल परिसर में बने व्यवसायिक शिक्षा की बिल्डिंग और चारदीवारी को तोड़ा गया.
- हजारों लोगों के उपयोग में आ रहे सुलभ शौचालय को तोड़ा गया.
- बूढ़ा तालाब में सोलर पैनल हाउस और सोलर लाइटों को तोड़ा गया.
- गौरव पथ शंकर नगर चौक के पास निर्मित तीरथगढ़ जलप्रपात और डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी गौरव वाटिका में तोड़फोड़ की गई.
- रायपुर शहर में बाहर से आकर नौकरी करने वाली महिलाओं के रहने के लिए सुरक्षित कलेक्ट्रेट के पास बनाए गए दो मंजिला भवन को तोड़ा गया.
- कलेक्ट्रेट परिसर में बने महिला बाल विकास के लिए नए कार्यालय को तोड़ा गया.
- कलेक्ट्रेट परिसर स्थित जिला उद्योग भवन को तोड़ा गया.
- सांसद एवं विधायक निधि से कलेक्टर परिसर स्थित छत्तीसगढ़ पेंशनर समाज के भवन को तोड़ा गया.
- कलेक्ट्रेट स्थित कर्मचारी संघ भवन को तोड़ा गया.
- शांति नगर आवासीय कॉलोनी में सालों से रह रहे शासकीय सेवकों को दबाव और पूर्वक घर खाली कराकर कई बंगलों को तोड़ गया.
- तेलीबांधा चौक स्थित कृषि अभियांत्रिकी परिसर को बलपूर्वक तोड़ा गया.