रायपुर:रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव ने उन अभिभावकों की चिंता एक बार फिर बढ़ा दी है जिनके बच्चे यूक्रेन में पढ़ाई कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ से यूक्रेन में पढ़ाई करने वाले मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों की संख्या लगभग 12 सौ से 15 सौ तक है. रायपुर के भी कई बच्चे यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में पढ़ाई करते हैं. इन बच्चों को भारत लौटने में देरी इसलिए हुई क्योंकि इनकी परीक्षाएं ऑफलाइन लेने की जानकारी दी गई थी. हालात खराब होने के बाद इन छात्रों को बताया गया कि वे अपने देश पहुंचकर ऑनलाइन परीक्षा में भी शामिल हो सकते हैं. तब तक काफी देर हो चुकी थी.
यूक्रेन में पढ़ने वाले छात्रों के परिजन चिंतित हवाई उड़ानें बंद हो चुकी थी. जिसके बाद से ये बच्चे तनाव की स्थिति में यूक्रेन के अलग-अलग शहरों में रहने को मजबूर हैं. रायपुर के अजय लाड के बेटे निखिल भी यूक्रेन की राजधानी कीव से करीब 50 किलोमीटर दूर सुमी शहर में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं. ईटीवी भारत ने अजय लाड से यूक्रेन की स्थिति और उनकी चिंताओं को लेकर खास बातचीत की.
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बच्चों की परिस्थितियां बेहतर
इस विषय में अजय लाड ने बताया कि तीन-चार दिन पहले जब बेटे से उनकी बात हुई थी, तब उसने बताया था कि परिस्थितियां एकदम ठीक है. उन्हें कोई दिक्कत नहीं है. वो सुरक्षित हैं .साथ ही स्थानीय ठेकेदार भी उन्हें सहयोग कर रहे हैं. मगर परसों जब राजधानी कीव के पास तनाव बढ़ने लगा तब सुमी शहर में पढ़ाई कर रहे उनके बेटे और उनके अन्य साथियों को भी यह जानकारी दी गई कि कभी भी सुमी में सायरन बज सकता है. उन्हें किसी दूसरे बॉर्डर से इंडिया भेजने का इंतजाम किया जा रहा है. उसके बाद से हमारा तनाव बढ़ता गया. रात भर बेटे से बात करते रहे. अचानक कल रात बेटे ने मैसेज किया कि वह सुरक्षित स्थान के लिए निकल गए हैं और सकुशल है.
टिकट की कीमत में हुआ इजाफा
इससे पहले हम काफी घबराए हुए थे. बेटे को लेकर चिंतित थे. हम लगातार दूतावास से संपर्क कर रहे थे. छत्तीसगढ़ के नोडल अधिकारी के भी संपर्क में थे, लेकिन अब जाकर थोड़ी सांत्वना मिली जब बेटे ने यह बताया कि उन्हें जिस कैंपस में ठहराया गया है. वहां सुरक्षा के कड़े इंतजामात हैं. हमें चिंता करने की जरूरत नहीं है. टिकट की दरें काफी बढ़ गई है. पहले यूक्रेन से भारत आने जाने के लिए जो एयर टिकट 50 हजार में मिलती थीं.अब उसकी दरें करीब दोगुनी हो गई है.
परिजनों का भारत सरकार से आग्रह
अगर बच्चों के लिए फ्लाइट की व्यवस्था हो जाये तो टिकट की कीमत मायने नहीं रखती, लेकिन यह भी आपदा में अवसर ढूंढने जैसा कार्य है. मध्यमवर्गीय परिवार की चिंता और बढ़ाने जैसा है. ईटीवी भारत के माध्यम से अजय लाड ने भारत सरकार से भी आग्रह किया है कि, उनके बच्चों को एयर लिफ्ट करवाएं. लाड को इस बात का भी संतोष है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों से शांति की अपील की है. ये खुद भी चाहते हैं कि यूक्रेन में फंसे बच्चों को वापस लाने के लिए कोई बीच का रास्ता निकालना चाहिए. अजय लाड और उनके परिवार के सदस्य भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं कि, बच्चों की वापसी के लिए कोई बीच का रास्ता निकल जाए.