रायपुर:अमित चंद्राकर का आरोप है कि बैंक की सारी प्रक्रिया को ताक पर रखकर और सरकारी संपत्ति को गलत तरीके से बंधक रखकर जनता के पैसों को बर्बाद किया गया है. जिस तरह बैंक और मेडिकल कॉलेज प्रबंधकों ने गलत दस्तावेज दिखा कर सरकारी बैंक के पैसे यानी जनता की गाढ़ी कमाई को भ्रष्टाचार कर सरकार और जनता को चूना लगाया है, उसके खिलाफ गम्भीर मामला बनता है. उन्होंने तत्काल डायरेक्टरों के खिलाफ करवाई करने की मांग की है.
चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज को छत्तीसगढ़ सरकार अधिगृहित कर रही है. इस संबंध में विधानसभा में एक विधेयक भी पास कराया गया है. वहीं अमित चंद्राकर ने इसे एक बड़ा घोटाला करार देते हुए ED से इसकी जांच कराने की मांग की है.
सोनिया गांधी के दफ्तर में भी शिकायत
इस मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण का विरोध कर रहे अमित चंद्राकर खुद कांग्रेस से जुड़े हुए हैं. उन्होंने दिल्ली में सोनिया गांधी के निजी सलाहकार से मिलकर अपनी बात रखी है और प्रदेश सरकार के रवैये पर भी खेद जताया. साथ ही पत्र के माध्यम से सारी जानकारी से अवगत कराया है. अमित चंद्राकर का कहना है कि अभी कॉलेज की स्थिति बहुत खराब है. सरकार को चाहिए कि अभी जो बच्चे उस कॉलेज में फंसे हुए हैं, उन्हें दूसरे कॉलेज में तत्काल शिफ्ट कर उनके आगे की पढ़ाई की स्थिति सुधारे. बच्चे बिना टीचर के पिछले 4 साल से कॉलेज में फंसे हुए है ,2017 के बाद कोई भी नया सत्र नहीं आया, क्योंकि MCI ने कॉलेज प्रबंधन के भ्र्ष्टाचार कार्य और अनियमितता को देखते हुए उन्हें नया सत्र देने से मना कर दिया.
क्या है पूरा विवाद
अमित चंद्राकर का कहना है कि नेहरू नगर में लीज पर मिली जमीन पर चंदूलाल चंद्राकर अस्पताल संचालित है. इसी के संचालन समिति द्वारा 2013 में चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल को कचंदुर भिलाई में स्थापित किया गया. इसको चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी में रखा गया और उसको सेक्शन 25 कंपनी में परिवर्तित कर दिया गया. इसका भी नाम (CCMH) कर दिया गया.