रायपुर/हैदराबाद: भारत सहित दुनिया के कई देशों में हर साल 24 मई को राष्ट्रमंडल दिवस मनाया जाता है. महारानी विक्टोरिया के जन्मदिवस के मौके पर राष्ट्रमंडल दिवस मनाने का प्रचलन शुरू हुआ. 24 मई 1819 को महारानी विक्टोरिया का जन्म हुआ था. उनकी याद में यह दिवस मनाया जाता है. राष्ट्रमंडल दिवस को मनाने के पीछे उदेश्य उन सभी देशों के बीच एकता की भावना को मजबूत करना है जो कभी ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा रहे थे.
कौन से देश मनाते हैं राष्ट्रमंडल दिवस: राष्ट्रमंडल दिवस का आयोजन सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि उन सभी देशों में होता है जो राष्ट्रमंडल देशों की सूची में शामिल है. इस दिन को मनाने का मकसद एकता और मानवता को स्थापित करना है. ताकि राष्ट्रमंडल देशों में स्वतंत्रता की भावना का विकास हो.
महारानी विक्टोरिया के मन में सबस पहले आया था विचार: साल 1901 में महारानी विक्टोरिया को पहली बार अपने जन्म दिन के मौके पर राष्ट्रमंडल दिवस मनाने का ख्याल आया. उन्होंने इस तरह के संगठन के निर्माण के बारे में सोचा. फिर महारानी वि्क्टोरिया की मृत्यु के बाद पहली बार साल 1902 में साम्राज्य दिवस (एम्पायर डे) आयोजित किया गया. साल 1958 में हेरोल्ड मैकमिलन ने एम्पायर डे का नाम बदलकर कॉमनवेल्थ डे यानी की राष्ट्रमंडल दिवस कर दिया. फिर जैसे जैसे ब्रिटिश साम्राज्य से देश आजाद होते गए. उन्होंने इस दिवस को मनाना शुरू कर दिया.
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राष्ट्रमंडल दिवस का मकसद: विश्व के कई देशों से जब ब्रिटिश साम्राज्य का पतन हुआ तो इन आजाद देशों को एकजुट रखने के लिए राष्ट्रमंडल दिवस मनाने की शुरुआत हुई. इन देशों ने मानवता का संकल्प लेकर राष्ट्रमंडल दिवस को मनाने की शुरुआत की. भारत राष्ट्रमंडल दिवस को मानवता और शांति के संदेश को बढ़ाने के उदेश्य से मनाता है. इसके अलावा जितने भी राष्ट्रमंडल देश हैं वह इस दिन को सामाजिक न्याय, सहनशीलता और स्वतंत्रता के अधिकार को मजबूत करने के उदेश्य से मनाते हैं. राष्ट्रमंडल दिवस को मनाने का मुख्य उदेश्य अपने पूर्वजों का याद करना है जिन्होंने आजादी के लिए बलिदान दिया.
राष्ट्रमंडल किसे कहते हैं ?: राष्ट्रकुल या राष्ट्रमंडल (कॉमनवेल्थ ऑफ नेशंस) 54 स्वतंत्र देशों का एक समूह है. इन देशों में अधिकांश वह देश हैं जो कभी ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा रहे थे. राष्ट्रमंडल संस्था का मुख्यालय लंदन में है. इन देशों में मोजांबिक और रवांडा ऐसे देश हैं जो कभी ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा नहीं रहे. फिर भी इन्होंने राष्ट्रमंडल की सदस्यता हासिल की है. इस संगठन की सबसे खास बात है कि संयुक्त राज्य अमेरिा जो कभी ब्रिटिश साम्राज्य का हिस्सा था वह इसका सदस्य नहीं है. इस संगठन का मुख्य उदेश्य लोकतंत्र, साक्षररता, मानवता और आपसी सहयोग को बढ़ावा देना है. मालदीव राष्ट्रमंडल देशों का 54वां देश है