रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कोरबा के हंसदेव में जंगलों की कटाई का जिम्मेदार पूर्व की कांग्रेस सरकार को ठहराया है. रायपुर में मीडिया से बातचीत में सीएम ने कहा कि कोरबा के हसदेव में जंगलों की कटाई का जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस की सरकार है. पूर्व की भूपेश बघेल सरकार के आदेश पर ही हसदेव जंगल की कटाई की गई. हसदेव में जंगल की कटाई का जिम्मेदार कांग्रेस को ठहराने पर प्रदेश का सियासी पारा चढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है. कांग्रेस की सरकार के दौरान सैंकड़ों पेड़ कोयला खदान के नाम पर काट दिए गए थे.
हसदेव जंगल को उजाड़ने का आरोप विष्णु देव साय ने कांग्रेस पर लगाया, कह दी ये बड़ी बात
Tree cutting for coal mine in Hasdeo area कोरबा से लेकर सरगुजा की सीमा तक फैले हसदेव अरण्य में पेड़ों की कटाई का मुद्दा फिर से गर्मा गया है. विष्णु देव साय ने पेड़ों की कटाई का जिम्मेदार भूपेश बघेल की सरकार को ठहराया. Congress responsible for deforestation of Hasdev
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Dec 25, 2023, 6:48 PM IST
|Updated : Dec 25, 2023, 7:05 PM IST
क्या है हसदेव में पेड़ों की कटाई का मामला?:कोरबा के हसदेव अरण्य की जमीन के नीचे कोयला का खदान मिला था. कोयले के खदान मिलने के बाद सरकार को भारी राजस्व की प्राप्ति होती. तब की कांग्रेस की सरकार के आदेश पर हसदेव अरण्य में 1500 से ज्यादा पेड़ों को काट दिया गया. पेड़ों के कटने से पूरा इलाका मैदान बन गया. स्थानीय लोगों का कहना था कि कभी यहां धूप जंगल में सीधे नहीं पड़ती थी अब सूरज के उगते से लेकर डूबते तक धूप आती है. जमीन के नीचे से कोयला निकालने के लिए खदान खोदने की तेैयारी थी.
हसदेव के लिए हुआ जोरदार आंदोलन: हसदेव के जंगल को बचाने के लिए स्थानीय लोगों ने जोरदार आंदोलन किया. चिपको आंदोलन की तर्ज पर लोग पेड़ों के बचाने के लिए निकले. स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो करीब 1500 से ज्यादा बड़े पेड़ों को सरकार के इशारे पर जमीदोज कर दिया गया. स्थानीय लोग विरोध करते रहे और पेड़ों की कटाई भी निरंतर चलती रही. लोगों का कहना है कि 2 मार्च साल 2022 से हसदेव के जंगल को बचाने के लिए लोगों का चरणबद्ध आंदोलन चल रहा है. हसदेव को बचाने के लिए हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति का भी गठन किया गया जो आंदोलन को आगे जा रहा है.