रायपुर:छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार सुशासन दिवस पर किसानों को धान बोनस दे रही हैं. तत्कालीन रमन शासन काल में दो साल का बकाया धान बोनस की राशि के रूप में छत्तीसगढ़ के किसानों को सीएम विष्णुदेव साय 3716 करोड़ 38 लाख 96 हजार रुपये की राशि बाटेंगे. अभनपुर ब्लॉक के ग्राम बेन्द्री में आयोजित कार्यक्रम में किसानों को ये राशि जारी की जाएगी.CM Vishnudev Sai paddy bonus
सीएम विष्णुदेव साय का बड़ा तोहफा: रायपुर के अभनपुर ब्लॉक के बेन्द्री गांव में धान बोनस वितरण का मुख्य समारोह आयोजित होगा. दोपहर 1 बजे से कार्यक्रम की शुरुआत होगी. जिसमें सीएम विष्णुदेव किसानों को धान बोनस बांटेंगे. कृषि एवं सहकारिता विभाग की तरफ से कार्यक्रम की अध्यक्षता उप मुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा करेंगे. paddy bonus to Chhattisgarh farmers
सुशासन दिवस पर छत्तीसगढ़ किसानों को बोनस:छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 से पहले चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने भाजपा की सरकार बनने पर किसानों को 2 साल का धान बोनस देने की गारंटी दी थी. भाजपा 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मना रही है. देश भर में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. इसी दौरान छत्तीसगढ़ के किसानों को मोदी की गारंटी पूरा करने के रूप में धान का बकाया बोनस दिया जा रहा है. BJP Good Governance Day
कार्यक्रम में मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, सांसद सुनील सोनी, पूर्व मंत्री और रायपुर पश्चिम के विधायक राजेश मूणत, विधायक अभनपुरइन्द्र कुमार साहू, रायपुर ग्रामीण के विधायक मोती लाल साहू, आरंग विधायक खुशवंत साहेब, रायपुर उत्तर के विधायक पुरन्दर मिश्रा, विधायक धरसींवा अनुज शर्मा और जिला पंचायत रायपुर की अध्यक्ष डोमेश्वरी वर्मा विशिष्ट अतिथि होंगे.
छत्तीसगढ़ में धान खरीदी: छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य पर 21 क्विंटल धान प्रति एकड़ की दर से धान खरीदी भी शुरू हो गई है. राज्य में इस साल 130 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी अनुमानित है. समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन के एवज में राज्य के किसानों को लगभग 40 हजार करोड़ रुपये का भुगतान होगा. किसानों को धान बेचने में किसी भी तरह की दिक्कत ना हो, इसके लिए सभी खरीदी केन्द्रों में बेहतर और पर्याप्त इंतजाम किए गये हैं. मुख्यमंत्री साय ने कहा है कि ऐसे किसान जो पूर्व निर्धारित मात्रा के अनुसार सोसायटियों में अपना धान बेच चुके हैं, उन्हें भी नई निर्धारित मात्रा के अंतर का धान बेचने की सुविधा दी गई है.