CM Bhupesh On Ajit Jogi: कांग्रेस की सभाओं में सीएम बघेल ने क्यों लिया अजीत जोगी का नाम ? - Ajit Jogi in Congress conference
छत्तीसगढ़ कांग्रेस पूरे छत्तीसगढ़ में संभागीय सम्मेलन कर रही है.लेकिन इन सम्मेलनों में एक बड़ी बात देखने को मिल रही है. सीएम भूपेश बघेल खुले मंच से कांग्रेस में रहकर पार्टी विरोधी काम करने वालों को चेतावनी दे रहे हैं. ऐसे में सीएम भूपेश छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम अजीत जोगी का नाम ले रहे हैं.ऐसे में जानना जरुरी है कि क्यों सीएम भूपेश ने सम्मेलन में अजीत जोगी का जिक्र करके कार्यकर्ताओं को चेतावनी दी है.
कांग्रेस के सम्मेलनों में अजीत जोगी
By
Published : Jun 16, 2023, 3:43 PM IST
|
Updated : Jun 17, 2023, 12:45 PM IST
कांग्रेस की सभाओं में सीएम बघेल ने क्यों लिया अजीत जोगी का नाम
रायपुर :विधानसभा चुनाव को लेकर छत्तीसगढ़ में अब राजनीतिक पार्टियां इलेक्शन मोड में आ गई हैं. कांग्रेस के संभाग स्तरीय बैठक में सीएम भूपेश बघेल, लगातार पूर्व सीएम अजीत जोगी को लेकर बड़ी बात कहते नजर आ रहे है. बिलासपुर और रायपुर में आयोजित कांग्रेस के संभागीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि "अगर अजीत जोगी पार्टी छोड़ कर नहीं जाते तो हमारी सरकार नहीं बनती." संभागीय सम्मेलन के दौरान ऐसा कहने के कई मायने है, क्या कारण है अजीत जोगी ने निधन के बाद भी कांग्रेस के संभागीय सम्मेलन में उनका जिक्र किया जा रहा है.
मरवाही को जोगी ने बनाया था गढ़ :वरिष्ठ पत्रकार अनिरुद्ध दुबे के मुताबिक '' कांग्रेस के संभागीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कुछ ऐसा कहते हुए नजर आ रहे है, जो अखबारों और मीडिया चैनलों की सुर्खियों में रहा. बिलासपुर संभाग में मरवाही विधानसभा क्षेत्र आता है, मरवाही विधानसभा क्षेत्र एक समय में जोगी परिवार का गढ़ माना जाता था, ऐसा भी कहा जाता है कि भाजपा ने जोगी परिवार के लिए मरवाही सीट छोड़ रखी थी.मरवाही में जोगी परिवार का दबदबा नजर भी आता था. साल 2014 में अंतागढ़ उपचुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी मंतूराम पवार ने अपना नाम वापस ले लिया था उसके बाद एक टेप कांड सामने आया था, उस टेप कांड ने बहुत सारे सवाल खड़े किए थे. मंतूराम टेप कांड, अमित जोगी के कांग्रेस से निष्कासन की वजह बना और आगे चलकर वही कारण अजीत जोगी के कांग्रेस से अलग होने की वजह बना. इसके बाद अजीत जोगी ने, जोगी कांग्रेस बनाई.''
CM Bhupes
जोगी को लेकर कांग्रेस का रुख : बिलासपुर के संभागीय सम्मेलन में अजीत जोगी को लेकर दिए सीएम भूपेश बघेल के बयान में भी कई संदेश दिया गया. जिसमें यह कहा गया कि,अब मरवाही जोगी परिवार का नहीं है, मरवाही अब कांग्रेस कार्यकर्ता की सीट हो गई है. जोगी कांग्रेस के तेलंगाना की पार्टी केसीआर से गठबंधन और विलय की बातें सामने आ रही है. केसीआर से जोगी कांग्रेस के विलय की बात कांग्रेस के संभागीय सम्मेलन के कुछ दिन पहले ही हुई. ऐसे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई तरह के मैसेज भी देकर विरोधियों को चेतावनी दी है.
क्यों जोगी का नाम लेकर सीएम भूपेश रख रहे अपनी बात :राजनीतिक विश्लेषक शशांक शर्मा का कहना है कि '' सीएम भूपेश बघेल यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस गढ़ है, कांग्रेस यहां नहीं हार सकती.जब तक पार्टी के अंदर से ही कांग्रेस को हराने के प्रयास या षड्यंत्र न हो. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संभागीय सम्मेलन में यह कहा कि अजीत जोगी कांग्रेस में थे, वे पार्टी का नुकसान करते थे और पार्टी हारती थी. वो जैसे ही बाहर गए पार्टी जीती. इस बात के दो मायने हैं. जो लोग पार्टी में हैं. वो पार्टी से बाहर जाकर नुकसान नहीं पहुंचा पाते, पार्टी के अंदर रहकर लोग ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं. पार्टी के अंदर जो असंतुष्ट नेता नुकसान पहुंचाने वाले होंगे, उन्हें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक तरह की चेतावनी भी है."
CM Bhupes
एक तीर से कई निशाने : संभागीय सम्मेलनों में सीएम भूपेश बघेल बार-बार अजीत जोगी का नाम लेकर ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि, कांग्रेस भीतरघात के कारण ही सत्ता से बाहर थी.ऐसे में यदि इस बार कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई तो सीएम भूपेश के पास आलाकमान को देने के लिए जवाब तैयार रहेगा. सीएम ये कह सकते हैं कि अंदरूनी कलह के कारण ही चुनाव परिणाम अनुकूल नहीं आए.वहीं यदि कांग्रेस सत्ता में वापस आई तो सीएम भूपेश का दूसरा दांव भी कामयाब होगा. वो यह है कि पार्टी के बाहर जाने वालों का हश्र कभी अच्छा नहीं हुआ. इसलिए मिलकर काम करना ही अंतिम विकल्प है.
सीएम भूपेश के पास जवाब है तैयार :शशांक शर्मा ने कहा कि ''मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अजीत जोगी को लेकर जो बात कही है. यह एक प्रकार का संकेत है कि "अगर आगामी विधानसभा में भाजपा को हराना है और कांग्रेस की सरकार लानी है. तो अंदरूनी असंतोष को खत्म करना होगा. कांग्रेस हारेगी तो भीतर के जो नेता हैं, जो पार्टी को हराने की कोशिश करते हैं. उन्हें बाहर करना होगा. अजीत जोगी का नाम लेकर वह एक तीर से कई निशाने लगाने का प्रयास कर रहे हैं."
कांग्रेस को दूसरों से ज्यादा अपनों से डर : पिछली बार जब कांग्रेस सत्ता में आई तो सीएम पद के चार दावेदार थे.लेकिन चुनाव के बाद सीएम का पद भूपेश बघेल को गया. ऐसे में सीएम पद के दावेदारी करने वाले नेताओं के मन में भी कसक बची होगी.इन चारों दावेदारों में से तीन नेताओं ने कई मौकों पर सरकार को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है.फिर चाहे ढाई-ढाई साल की बात सिंहदेव ने कही हो या फिर चरणदास महंत ने उनकी पत्नी ज्योत्सना महंत के खिलाफ षड़यंत्र करने का बयान दिया हो.बड़े नेताओं की नाराजगी साफ दिखी है.भले ही सरगुजा सम्मेलन में टीएस सिंहदेव और सीएम भूपेश साथ नजर आए हो लेकिन बाकी के दावेदारों को चुनाव तक संतुष्ट करना एक बड़ी चुनौती होगी.
दूसरों नेताओं को बढ़ने नहीं देते नेता : राजनीतिक जानकरों का कहना है कि कांग्रेस की एक बड़ी विशेषता रही है कि "अगर कोई दूसरा नेता आगे बढ़ रहा है और उस नेता के समकालीन दूसरे नेता पार्टी में है , तो वह उस नेता आगे बढ़ने नहीं देते". मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जोगी को लेकर जो बात कही है. वो भी इसी बात के समकक्ष हैं. अजीत जोगी को यह लगता था कि अगर मैं मुख्यमंत्री नहीं बनूंगा तो मैं किसी को मौका नहीं दूंगा.इसलिए कई तरह के असंतोष का पार्टी को नुकसान होता रहा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि जिनमे असंतोष हैं रहा है उन्हें साधा जाए.