रायपुर: प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना संक्रमण के इलाज में आने वाली दवाओं को आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत अधिसूचित करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को पत्र लिखा है. मुख्यमंत्री ने इन दवाओं की जमाखोरी और कालाबाजारी रोकने कर लिए इन्हें 'आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955' के तहत अधिसूचित करने की बात लिखी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखा है कि देश के बाकी प्रदेशों की तरह छत्तीसगढ़ में भी कोविड-19 की दूसरी लहर के अंतर्गत संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इस महामारी के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में 25 अप्रैल तक 6,52,362 कोरोना मामले दर्ज किए गए हैं. कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए उपयोग में आने वाली आवश्यक दवाओं को 'आवश्यक वस्तु अधिनियम' के तहत अधिसूचित किया जाए.
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पिछले साल मास्क, सैनिटाइजर हुए थे अधिसूचित
भारत सरकार ने इससे पहले पिछले साल 13 मार्च को मास्क (2 और 3 प्लाई सर्जिकल मास्क और N95 मास्क) और हैंड सैनिटाइजर को 'आवश्यक वस्तु अधिनियम' के अंतर्गत अधिसूचित किया था. जिससे महामारी की पहली लहर से निपटने में बहुत सहायता हुई.
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कोविड के दौरान इन दवाईयों की बढ़ी मांग
- रेमडेसिविर इंजेक्शन
- आइवरमेक्टिन टैबलेट्स
- एनोक्सापारिन इंजेक्शन
- डेक्सामेथासोन टैबलेट और इंजेक्शन
- टोसीलीजुमब इंजेक्शन
- फेविपिराविर कैप्सूल
लगातार दवाईयों की कालाबाजारी की मिल रही शिकायतें
इन दवाईयों की मांग बढ़ने के कारण इनकी जमाखोरी और कालाबाजारी की शिकायतें भी लगातार मिल रही हैं. जिसकी वजह से मरीजों के उपचार में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. प्रदेश सरकार ने इन दवाईयों की कालाबाजारी को रोकने के लिए कई निर्णायक कदम उठाए हैं. इसमें अस्पतालों में दवाओं के वितरण और उपयोग पर लगातार निगरानी, विशेष टास्क फोर्स का गठन, आकस्मिक जांच और कालाबाजारी की खबर मिलने पर तत्काल दबिश देना शामिल है. कोविड से लड़ने में मदद करने वाली दवाईयों को 'आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955' के अंतर्गत अधिसूचित करने से प्रशासन को कालाबाजारी रोकने और दवाईयों की गुणवत्ता और आपूर्ति सुनिश्चित करने में आवश्यक सहायता प्राप्त होगी.
दवाईयों को अधिसूचित करने सीएम ने किया अनुरोध
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से अनुरोध किया है कि कोविड-19 महामारी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए इन दवाईयों को 'आवश्यक वस्तु अधिनियम' के तहत आवश्यक वस्तुओं के रूप में तत्काल अधिसूचित किया जाए.