रायपुर:छत्तीसगढ़ में धान की अहमियत के बारे में सभी जानते हैं. यहां तक प्रदेश की सियासत भी इसी मुद्दे से भरी पड़ी हैं. वहीं पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान धान का समर्थन मूल्य 2500 करने के कांग्रेस सरकार के वादे ने बड़ा असर छोड़ा था, जिसका भूपेश सरकार ने किसानों को लाभ भी दिया है.
कौशिक के बयान पर सीएम का पलटवार अब इस बार फिर से 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू होनी है, इससे पहले ही छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र से धान का समर्थन मूल्य 2500 करने का आग्रह किया है. भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर समर्थन मूल्य बढ़ाने की मांग की है.
पीएम से मिलने सीएम ने मांगा था वक्त
दरअसल, केंद्र सरकार अभी धान का समर्थन मूल्य 1850 रुपए प्रति क्विंटल तय कर रखा है. बाकी रकम राज्य सरकार बोनस के तौर पर देती है. ये बोनस की रकम के चलते राज्य सरकार पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ से बचने के लिए सीएम बघेल ने इस मुद्दे पर आग्रह किया है. साथ ही धान का समर्थन मूल्य को लेकर बघेल ने प्रधानमंत्री से वक्त भी मांगा था, लेकिन ये मुलाकात नहीं हो पाई.
कौशिक के बयान पर सीएम ने दिया जवाब
इसी कड़ी में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि 'जब कांग्रेस ने चुनाव के पहले किसानों से वादा किया था, तो अब इस तरह के पत्र लिखने का कोई मतलब नहीं है. वहीं सीएम भूपेश ने कहा है कि 'केन्द्र से मांग पूरी नहीं होने पर भी राज्य के किसानों का धान 2500 की दर पर ही खरीदा जाएगा'. इस तरह धान के मुद्दे ने एक बार फिर प्रदेश में सियासी पारा गर्म कर दिया है.