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Pegasus: सीएम बघेल का तंज- अंग्रेजों के समय से ये 'जासूसी' ही करते आए हैं - पेगासस सॉफ्टेवयर क्या है

सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने भारतीय मोबाइल नंबर्स को हैक किए जाने से जुड़े खुलासों पर ट्वीट किया है. सीएम ने लिखा कि वैसे अंग्रेजों के समय से ये 'जासूसी' ही करते आए हैं. उन्होंने हैशटैग #Pegasus का इस्तेमाल अपने ट्वीट में किया है.

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सीएम भूपेश बघेल

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Published : Jul 19, 2021, 2:15 PM IST

रायपुर: इजराइल के खुफिया सॉफ्टवेयर पेगासस (Pegasus) के जरिए भारतीय मोबाइल नंबर्स को हैक किए जाने से जुड़े खुलासों पर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. इसे लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने भी ट्वीट किया है. हालांकि भारत सरकार ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास है. भारत अपने नागरिकों के निजता के अधिकारों की रक्षा करने को प्रतिबद्ध है.

सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट किया 'वैसे अंग्रेजों के समय से ये 'जासूसी' ही करते आए हैं.' उन्होंने हैशटैग #Pegasus का इस्तेमाल अपने ट्वीट में किया है.

रिपोर्ट में किया गया दावा

एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संगठन ने खुलासा किया है कि केवल सरकारी एजेंसियों को ही बेचे जाने वाले इजराइल के खुफिया सॉफ्टवेयर के जरिए भारत के दो केंद्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर हो सकता है कि हैक किए गए हों.

मंत्रियों-पत्रकारों के फोन हैक करने का दावा, सरकार ने जासूसी की खबरों को बताया निराधार

भारत सरकार ने किया खंडन

इजरायली कंपनी की ओर से तैयार जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस (spy software Pegasus) के माध्यम से देश में पत्रकारों व अन्य विशिष्ट व्यक्तियों की जासूसी की मीडिया रिपोर्ट का भारत सरकार ने खंडन किया है. भारत सरकार ने आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास है. भारत अपने नागरिकों के निजता के अधिकारों की रक्षा करने को प्रतिबद्ध है. सरकार ने कहा, 'इससे जुड़ा कोई ठोस आधार या सच्चाई नहीं है.'

पेगासस सॉफ्टवेयर से जासूसी की खबरों को लेकर उठे सवालों पर सूचना एवं प्रौद्यौगिकी मंत्रालय के एडिशनल सेक्रेटरी डॉ. राजेंद्र कुमार ने रविवार की रात केंद्र सरकार का पक्ष रखा है. उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए बताया है कि देश में इंटरसेप्शन के लिए पहले से स्थापित सख्त प्रोटोकॉल है. राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामले में ही केंद्र या राज्य सरकार की एजेंसियों सर्विलांस सिस्टम का इस्तेमाल करती हैं. इसकी उच्चस्तरीय निगरानी होती है. देश के सूचना एवं प्रौद्यौगिकी मंत्री पहले ही संसद में बोल चुके हैं कि देश में अवैध रूप से सर्विलांस की कोई घटना नहीं हुई है.

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