रायपुर:छत्तीसगढ़ में कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने रविवार शाम आपात बैठक बुलाई. बैठक में 'नो मैंस लैंड' करने का निर्णय लिया गया है. सीएम कोरोना की रोकथाम के लिए सभी कलेक्टरों को नाइट कर्फ्यू लगाने का अधिकार दिया गया है. वहीं कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर प्रदेश में अभियान तेज किया जाएगा. इसके लिए नगरीय निकायों के कर्मचारियों और शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाएगी.
कोरोना को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने ली आपात बैठक रात 9 बजे के बाद नो मैंस लैंड करने का निर्णय
सीएम भूपेश बघेल की अध्यक्षता में सीएम हाउस में हुई बैठक में बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. रात नौ बजे के बाद 'नो मैंस लैंड' करने का निर्णय लिया गया है. बैठक के बाद मीडिया से चर्चा करते हुए मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि कोविड गाइडलाइन पर सख्ती से पालन कराया जाए. मास्क के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान दिया जाए. शहरों के साथ गांव में भी कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है. ऐसे में प्रशासन को प्रभावित क्षेत्रों में कंटेनमेंट जोन घोषित करने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए गए हैं.
सभी गतिविधियां पर रहेंगी प्रतिबंध
मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई, राजनांदगांव, बेमेतरा में जो कोरोना फैल रहा है उसको काफी गंभीरता से लिया है. सरकार ने कोरोना संक्रमित से प्रभावित जिलों और कंटनेमेंट जोन में रात 9 बजे के बाद शहर को 'नो मेंस लैंड' करने का निर्णय लिया गया है. रात 9 बजे के बाद सभी गतिविधियों पर प्रतिबंध रहेगा. स्ट्रीट वेंडर्स को भी रात 9 के बाद व्यवसाय करने की अनुमति नहीं होगी. साथ ही रेस्टोरेंट्स रात 10 के बाद टेकअवे होंगे.
लॉकडाउन लगाने की सरकार की कोई मंशा नहीं
मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि बैठक में उद्योग प्रतिनिधियों से चर्चा में सीएम ने स्पष्ट रुप से कहा है कि प्रदेश में लॉकडाउन लगाने की सरकार की कोई मंशा नहीं है. उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की व्यवसायिक, व्यापारिक, औद्योगिक गतिविधियां प्रभावित हो, ऐसी सरकार की इच्छा नहीं है. लेकिन लोगों को कोरोना प्रोटोकॉल को भी सख्ती से पालन करना चाहिए. सीएम ने कलेक्टरों को अपने-अपने जिलों में मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं.
वैक्सीनेश में कर्मचारियों और शिक्षकों की लगेगी ड्यूटी
टीकाकरण कराने में स्वास्थ्य विभाग के अलावा नगरीय निकायों के कर्मचारियों और शिक्षकों की भी ड्यूटी लगायी जाएगी. टीकाकरण के लिए लोगों को प्रेरित करने के लिए सरपंचों और जनप्रतिनिधियों का सहयोग लिए जाए. कोरोना संक्रमण रोकने के लिए जारी की गई.
गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराने के निर्देश
सीएम ने गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि किसी तरह की लापरवाही और नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए हैं. इसी तरह होम आइसोलेशन के मरीजों के लिए जारी दिशा-निर्देशों का भी कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के लिए सभी कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं.
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टीकाकरण के बाद भी लोग बरते एहतियात
सीएम ने कहा कि टीकाकरण कोविड-19 से बचाव के लिए एक महत्वपूर्ण उपाय है. टीकाकरण के बाद भी लोगों को मास्क और सैनेटाइजर का निरंतर उपयोग करते रहना है. टीकाकरण होने के बाद संक्रमित होने पर स्थिति गंभीर नहीं होती है. कोरोना टीके के दोनों डोज लगने के बाद भी यदि व्यक्ति को कोरोना संक्रमण होता है तो वह मामूली होगा और स्थिति उतनी अधिक गंभीर नहीं होगी. ऐसी स्थिति में अस्पताल में भर्ती होने या मृत्यु की संभावनाएं नहीं रहती है.
संक्रमण रोकने के लिए कंटेनमेंट जोन बनाने के निर्देश
जिन स्थानों पर कोरोना संक्रमण का फैलाव तेजी से हो रहा है. उन स्थानों पर कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाए. इसी प्रकार गांवों में भी कोरोना संक्रमण फैलने की स्थिति में कंटेनमेंट जोन बनाया जाए. होम आइसोलेशन का कड़ाई से पालन कराया जाए. होम आइसोलेशन का पालन नहीं करने वालों पर कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि सभी सार्वजनिक स्थानों पर कोरोना गाइडलाइन का पालन करना सुनिश्चित कराया जाए. व्यापारिक और औद्योगिक संस्थानों में काम करने वाले लोगों को विशेष ध्यान रखा जाए. उद्योगपति और व्यापारी यह सुनिश्चित करें कि वहां काम करने वाले सभी लोग मास्क लगाकर आए और सैनेटाइजर का उपयोग करते रहें.
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संक्रमण को रोकने में सबकी भागीदारी आवश्यक: CM
सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने में सबकी भागीदारी आवश्यक है. संक्रमण को रोकने में पहले की ही तरह हम सबको मिलकर काम करना होगा. उन्होंने दुर्ग, बिलासपुर और रायपुर के कलेक्टरों से भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा कर कोरोना संक्रमण की स्थिति की समीक्षा की और कलेक्टरों को वहां की परिस्थिति के अनुरूप तत्काल आवश्यक निर्णय लेने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि टीकाकरण केंद्रों में हर दिन लक्ष्य के अनुरूप शत्-प्रतिशत टीकाकरण होना चाहिए. टीकाकरण केंद्रों के सुचारू संचालन के लिए स्थानीय अधिकारियों और कर्मचारियों की भी आवश्यकता अनुसार ड्यूटी लगायी जाए, ताकि इन केंद्रों में लगातार टीकाकरण की कार्रवाई सुनिश्चित हो सके. इन केंद्रों में पूरी क्षमता से टीकाकरण कार्य होना चाहिए.