CM Bhupesh Baghel Targets Modi Government : सीएम बघेल का बड़ा बयान, पाटन ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ में ईडी और आईटी ही लड़ेगी विधानसभा चुनाव
CM Bhupesh Baghel Targets Modi Government छत्तीसगढ़ में एक बार फिर ईडी की कार्रवाई तेज हो गई है. ईडी के द्वारा जगह-जगह छापे मार करवाई को अंजाम दिया जा रहा है. इसे लेकर एक बार फिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संवैधानिक संस्थाओं सहित केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा पर जोरदार हमला बोला है. सीएम बघेल ने ईडी, आईटी जैसी संस्थाओं के दुरुपयोग को लोकतंत्र के लिए खतरा बताया.Chhattisgarh Assembly Election 2023
सीएम बघेल ने केंद्र की भाजपा सरकार पर लगाया ईडी और आईटी के दुरुपयोग का आरोप
रायपुर:चुनावी साल में छत्तीसगढ़ में ईडी की लगातार कार्रवाई को लेकर सीएम रविवार को एक बार फिर भाजपा पर हमलावर हुए. बलौदाबाजार रवाना होने से पहले पुलिस लाइन हेलीपैड पर मीडिया से चर्चा में सीएम बघेल ने विधानसभा चुनाव 2023 में भाजपा को लड़ाई से बाहर बताया. सीएम बघेल ने कहा कि "आगामी विधानसभा चुनाव छत्तीसगढ़ में भाजपा नहीं बल्कि ईडी और आईटी लड़ेगी." इतना ही नहीं बघेल ने ईडी, सीबीआई, आईटी को लोकतंत्र के लिए खतरा बताते भाजपा पर इनके दुरुपयोग का आरोप लगाया. हालांकि सीएम के आरोपों पर अभी तक भाजपा की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
सीएम बघेल का दावा-मुद्दा विहीन हो गई भाजपा:अब तक 200 से ज्यादा ईडी की रेड को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, "भाजपा मुद्दा वहीन हो गई है और यह अपना हार स्वीकार कर लिए हैं. भारतीय जनता पार्टी के दो मजबूत प्रकोष्ठ हैं, ईडी और आईटी. उनके माध्यम से भाजपा लड़ाई लड़ रही है. जिस प्रकार से बातें चल रही हैं कि पाटन में विजय बघेल लड़ेंगे, जिस प्रकार से 23 तारीख की कार्रवाई हुई और जिस प्रकार से ईडी कार्यालय से पाटन क्षेत्र से लोगों को फोन जा रहा है, उससे स्पष्ट हो गया है कि ईडी और आईटी ही पाटन में लड़ेगी. न केवल पाटन में पूरे छत्तीसगढ़ में ईडी और आईटी ही चुनाव लड़ेगी."
ओम माथुर को लेकर सीएम बघेल ने कही ये बात:मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मुताबिक ईडी, सीबीआई, आईटी लोकतंत्र के लिए खतरा बन गई है. इसका दुरुपयोग भारतीय जनता पार्टी की केंद्र में बैठी सरकार कर रही है. इसका ताजा उदाहरण और सबूत के तौर पर यहां के प्रभारी ओम माथुर ने कल सरगुजा में कहा कि आगे देखते जाइए 2 महीने में और क्या-क्या होता है. यह एक विभाग में जाते हैं, फिर दूसरे विभाग में जाते हैं. वहां कुछ नहीं मिलने पर फिर तीसरे विभाग में जाते हैं. वहां भी कुछ नहीं मिलता. अभी महादेव एप चल रहा है. महादेव ऐप पर हमने कार्रवाई की और लुक आउट सर्कुलर भी जारी किया है. इसमें अभी जितनी कार्रवाई हुई है, इनका मुख्य उद्देश्य राजनीतिक है. जो मुख्य लाभार्थी हैं, उन पर कार्रवाई करना इनका उद्देश्य नहीं है.
सीएम बघेल ने ईडी पर लगाए प्रताड़ित करने के आरोप :कथित शराब घोटाले को लेकर भी सीएम बघेल के तेवर आक्रामक रहा. सीएम बघेल ने कहा कि, "डिस्टलर के खिलाफ कोई कार्रवाई इन्होंने नहीं की. न उनकी संपत्ति जब्त की, न उनकी गिरफ्तारी हुई. जबकि मुख्य खिलाड़ी तो वही हैं उनके हिसाब से. सीएजी की रिपोर्ट कहती है कि कोई गड़बड़ी नहीं हुई, वह भी भारत सरकार की एजेंसी है. लेकिन ईडी के नियम में जो संशोधन किया गया, उसके बाद उनको असीमित अधिकार मिल गया. ईडी किसी को भी गिरफ्तार कर सकती है, किसी की भी चल अचल संपत्ति जब्त कर सकती है. चल अचल संपत्ति छूटने की कोई संभावना नहीं है. यदि एक बार जेल गया तो बेल होने की भी कोई गुंजाइश नहीं. तो डरा धमका कर, मारपीट कर, रात रात भर जागते हैं, पूछताछ करते हैं और उसके बाद कहते हैं कि आपको जेल जाना है या जो पहले से टाइप किया हुआ पेपर है उसमें साइन करना है.
रमन सिंह के खिलाफ ईडी कार्यालय पर धरना देगी कांग्रेस:रमन सिंह की संपत्ति खुद 2008 से लेकर 2018 तक 18 गुना बढ़ी. जबकि कोई काम नहीं कर रहा है लेकिन संपत्ति 18 गुना हो गई. उसकी जांच कब करेंगे. नान घोटाला में सीएम सर, सीएम मैडम नाम है लेकिन उसमें जांच हो नहीं रही है. इतना ही नहीं रमन सरकार के समय में उज्ज्वला योजना, डीएमएफ में भी घपले घोटाले का आरोप लगाया हुए सीएम बघेल ने ईडी से जांच की मांग की है. सीएम बघेल ने जानकारी दी कि रमन सिंह के खिलाफ जिला कांग्रेस कमेटी ईडी को ज्ञापन देगी और 28 अगस्त को ईडी दफ्तर धरना देगी.
जो आरोपी देश के बाहर हैं, उन्हें नहीं पकड़ रही सरकार:सीएम बघेल ने आरोप लगाया कि, "जैसे डिस्टरल के बारे में बताया वैसे ही, जो ट्रांसपोर्टर बंद हैं, जिस पर यह लोग बात कर रहे थे. उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं की. जिनके लिए वो लोग काम कर रहे थे, उनसे न पूछताछ की गई, न कार्रवाई की गई. इस प्रकार से महादेव ऐप में भी अब सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. जबकि लगातार सरकार इसमें बहुत सारे मोबाइल, बहुत सारे लैपटॉप, गैजेट्स, कैश और कई लोगों की गिरफ्तारी की. जो दो लोग बाहर हैं, उनको पकड़ने के लिए ताकत नहीं लग रहे हैं. हजारों करोड़ लेकर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश सभी जगह से उन्होंने पैसा लिया है. लेकिन केवल कार्रवाई यहां क्यों. आप मुख्य आरोपी को पकड़ने की कोशिश नहीं कर रहे हैं. तो यह तीन उदाहरण पर्याप्त हैं कि प्रदेश सरकार को बदनाम कर रहे हैं और काम को बाधित कर रहे हैं.
नगरनार बेचने की चल रही तैयारी: सीएम बघेल ने केंद्र की भाजपा सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा दी. सीएम बघेल ने कहा कि, "चाहे वह कोयला खदान हो, आयरन ओर हो, चाहे ट्रेन हो, एयरपोर्ट हो, सबके लिए स्थिति यही बन रही है. आज जो कार्रवाई हो रही है केवल इसीलिए कि उनको हम कोयला खदान नहीं दे रहे. जो एक राजस्थान में चल रहा है, वही चल रहा है बाकी जितने कोयला खदान रमन सिंह ने अलॉट किया था वह एक भी नहीं चल पा रहा है. आयरन ओर हम नहीं चलने दे रहे और अब नगरनार शुरू नहीं हुआ है, उसे भी यह लोग बेचने के लिए बजट में शामिल कर लिए. कुछ दिन बाद इसका लोकार्पण होगा और सब घूम फिर के वहीं जाना है. यह स्थिति बनी है. लेकिन मैंने ईडी के अधिकारी को कई बार पत्र लिखा. न सिर्फ ईडी को बल्कि गृहमंत्री, वित्त मंत्री, प्रधानमंत्री सबको पत्र लिखा."
हमारे समय में हुई चिटफंड घोटाले पर कार्रवाई:चिटफंड घोटाले के लेकर पहले की रमन सरकार पर भी सीएम बघेल ने हमला बोला. सीएम बघेल ने कहा कि, "इसकी जांच करिए, जनता की गाड़ी कमाई के पैसों से रमन सिंह ने खुद कार्यालय खुलवाया. ओपी चौधरी कलेक्टर था. रोजगार मेला आयोजित किए थे और सबको रोजगार मेला का सर्टिफिकेट बांटा. फिर आम जनता का पैसा लूट कर उन लोगों ने भगने दिया. कार्रवाई हमारे शासनकाल में हुई. 700 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हुई और उनकी संपत्ति को कुर्क करके लोगों का पैसा वापस दिलाने का काम किया. लेकिन देखते हैं कि दूसरे प्रदेशों में भी यही हुआ है. यहां से पैसा लेकर और दूसरे प्रदेशों में इन्वेस्ट किए हैं तो मनी लांड्रिंग का सबसे बड़ा केस तो यही है. सीएम भूपेश बघेल ने भाजपा पर लोगों का पैसा लुटवाने का आरोल लगाया. सीएम बघेल ने उसकी जांच के लिए पत्र लिखने का दावा किया.
भाजपा ने किया 1500 करोड़ का ओडीएफ घोटाला- बघेल: सीएम बघेल नेएनएचएफएस की रिपोर्ट का हवाला देकर ओडीएफ में 1500 करोड़ के घोटाले का आरोल केंद्र की भाजपा सरकार पर लगाया. सीएम ने रिपोर्ट के हवाले से बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में 73 परसेंट और शहरी क्षेत्र में 74 परसेंट शौचालय का उपयोग हो रहा है. इसका मतलब 23-24% लोग शौचालय का उपयोग नहीं कर रहे. ओडीएफ और ओडीएफ प्लस घोषित करा दिया गया. 24% का हिसाब करें तो करीब 50 लाख का करें तो 13 लाख के आसपास शौचालय बने ही नहीं. जिस अधिकारी ने इस रिपोर्ट को जमा किया, उसको निलंबित कर दिया गया. अब हम ईडी को आवेदन करते हैं कि यह सरकार की संपत्ति का दुरुपयोग हुआ है. दूसरा भाजपा सरकार में रतन जोत लगाई गई. एक लीटर डीजल भी नहीं निकला लेकिन सैकड़ों करोड़ रुपये स्वाहा हो गए. ईडी कब जांच करेगी.