रायपुर:छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नान घोटाले पर रमन सिंह और उनके बेटे अभिषेक सिंह को लेकर ईडी को घेरा है. सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि नान घोटाले की जांच कर रही ईडी रमन सिंह और उनके बेटे अभिषेक सिंह को क्यों नहीं बुला रही है. भ्रष्टाचार के मामले में बीजेपी किस मुंह से बात करती है. छत्तीसगढ़ में नान घोटाला हुआ. उसकी जांच के लिए यहां एसआईटी का गठन किया गया. एसआईटी जांच को रुकवाने के लिए नेता प्रतिपक्ष हाईकोर्ट चले गए. वहां से उन्होंने स्टे ले लिया. सीएम बघेल ने सवाल उठाते हुए कहा है कि अगर नान घोटाले में ईडी जांच कर रही है तो रमन सिंह और उनके बेटे को क्यों नहीं तलब किया जा रहा है. ईडी इस बात को बताए कि कौन है सीएम सर और कौन है सीएम मैडम.
नान घोटाले पर सीएम के सवाल भूपेश बघेल का बीजेपी पर वार:भूपेश बघेल ने कहा कि "बीजेपी के नेता भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं. जनता ने इनको नकार दिया है. इसलिए यह लोग लगातार अनर्गल बाते कर रहे हैं".
ये भी पढ़ें: नान घोटाले पर सीएम बघेल बोले- सभी जानना चाहते हैं सीएम मैडम कौन हैं ?
कोयला संकट पर सीएम बघेल ने कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी को लिखा पत्र:छत्तीसगढ़ में कोयले की कमी को देखते हुए सीएम भूपेश बघेल ने केंद्रीय कोयला और खनन मंत्री प्रहलाद जोशी को पत्र लिखा है. इस पत्र में सीएम भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में कोयला उत्पादन को लेकर जिक्र किया है. सीएम ने पत्र में लिखा है कि "छत्तीसगढ़ राज्य मे प्रतिवर्ष 15 करोड़ टन से अधिक कोयले का उत्पादन होता है. कोयला उत्पादन में छत्तीसगढ़ देश में दूसरे नंबर पर है. राज्य में उत्पादित कोयले का अधिकांश भाग अन्य राज्यों को भेजा जाता है. दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ स्टील उत्पादन के क्षेत्र में देश के टॉप राज्यों में शुमार है. राज्य में अनेक बड़ी स्टील उत्पादक इकाइयों के अलावा सैकड़ों छोटी इकाइयां भी हैं. जो लाखों लोगों की जीविका का आधार है. मुख्यमंत्री ने कहा है कोयले के संकट के कारण ही राज्य के स्टील उत्पादकों एवं अन्य इकाइयों (पावर प्लान्ट्स को छोड़कर) को SECL द्वारा अगस्त माह से कोयले की आपूर्ति रोकने का निर्णय लिया गया है. जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था पर गंभीर संकट उत्पन्न हो जाएगा. पावर प्लांट को छोड़कर अन्य सभी इकाइयों में तालेबंदी की स्थिति पैदा हो जाएगी. अत: स्टील उत्पादकों की आवश्यकता के अनुसार कोयले की आपूर्ति निर्बाध रूप से जारी रखी जाए". सीएम ने पत्र में केंद्रीय मंत्री से गुजारिश की है कि" वह इस संबंध में SECL के अधिकारियों को निर्देश दें ताकि राज्य में गंभीर आर्थिक संकट उत्पन्न होने से रोका जा सके".