रायपुर:पूरे देश में कृषि बिल को लेकर कांग्रेस विरोध प्रदर्शन कर रही है. कांग्रेस ने कृषि बिल के विरोध मे क्रमबद्ध तरीके से विरोध दर्ज कराने की रणनीति बनाई है. इसी कड़ी में विभिन्न राज्यों के कांग्रेस के मुख्यमंत्री मंत्री और वरिष्ठ नेता अन्य राज्यों में जाकर पत्रकारों को संबोधित कर रहे हैं. वहीं दूसरे राज्यों के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता छत्तीसगढ़ के पत्रकारों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा कर रहे हैं.
कृषि बिल पर भूपेश बघेल का बयान इसी कड़ी में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पत्रकार वार्ता को संबोधित करने गुरुवार को नागपुर रवाना हुए. इस दौरान बघेल ने रायपुर एयरपोर्ट पर पत्रकारों से संक्षिप्त चर्चा की. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने राज्यों को बिना विश्वास में लिए इस कानून को बनाया है. इससे राज्य को आर्थिक क्षति पहुंचेगी. उन्होंने कहा कि सरकराने इस बिल को लाने से पहले किसी से सलाह लेना जरूरी नहीं समझा. उन्होंने कहा कि पहले भी सरकार ने ऐसे कई फैसले लिए हैं, जिससे लोगों को क्षति पहुंची है. केंद्र सरकार ने नोटबंदी लागू की जिससे बहुत से बैंक बंद हो गए. फिर केंद्र सरकार ने जीएसटी लागू की जिससे न जाने कितने उद्योग बंद हुए और अब इस कानून को लाने से कितना प्रभाव पड़ेगा, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता.
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कृषि विधेयक का जताया विरोध
उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून के संबंध में एआईसीसी के निर्देश पर कृषि विधेयक के विरोध में अपना पक्ष रखने का जिम्मा मिला है. मंडी बिल संशोधन के संबंध में बात रखनी है. इसमें पहली बात यह है कि अब मंडियों में अनाज खरीदने के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी, पैन कार्ड के आधार पर खरीदी की जा सकती है. इससे यह नुकसान होगा की मंडी की व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी और व्यवस्था ध्वस्त होने के साथ इनका असली चेहरा सामने आएगा.
आम उपभोक्ताओं पर पड़ेगा असर
बघेल ने कहा कि कृषि बिल सिर्फ किसानों के लिए ही नहीं बल्कि आम उपभोक्ताओं के लिए भी खतरनाक साबित होगा अब कोई भी अपने गोदाम में कितना भी सामान रख सकता है. कुछ लोग भारत में अनाजों के, दलहन-तिलहन के मूल्य पर नियंत्रण करेंगे. इससे आम उपभोक्ता पर जबरदस्त मार पड़ने वाली है.