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हरदेव को मिल रहा सभी योजनाओं का लाभ, घर में पर्याप्त चावल: सीएम बघेल - Big statement of CM Bhupesh Baghel

धमतरी के बेरोजगार युवक हरदेव के आत्मदाह की कोशिश मामले में CM बघेल ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि उसके घर में पर्याप्त चावल था. जबकि हरदेव की पत्नी और परिवार ने कहा था कि वो दो वक्त की रोटी के लिए परेशान है. फिलहाल हरदेव का इलाज चल रहा है.

Chief Minister Bhupesh Baghel
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

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Published : Jul 2, 2020, 5:18 PM IST

रायपुर: सीएम हाउस के सामने धमतरी के युवक हरदेव के आत्मदाह मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा बयान दिया है. सीएम बघेल ने कहा है कि हरदेव को सभी योजनाओं का लाभ मिल रहा था. उसके घर में पर्याप्त चावल था. बघेल ने ये भी कहा कि युवक ने उनसे मुलाकात के लिए आवेदन नहीं दिया था इसलिए उसे अनुमति नहीं मिली थी.

सीएम बघेल ने पूर्व सीएम रमन सिंह के भुखमरी के हालात वाले बयान पर पलटवार किया है. बघेल ने कहा कि रमन सिंह अपना 15 साल का कार्यकाल देखें. सीएम बघेल ने कहा कि रमन सिंह के अनुभव का लाभ छत्तीसगढ़ के लोगों को मिलना चाहिए. अगर वे आलोचना भी करते हैं तो हम सुझाव के तौर पर लेते हैं. सीएम ने कहा कि भाजपा अनावश्यक बातों को तूल दे रही है.

CM भूपेश बघेल का हरदेव पर बयान

परिवार ने कहा- घर में दाना नहीं

बता दें कि सोमवार को धमतरी के रहने वाले युवक हरदेव ने सीएम हाउस में आत्मदाह की कोशिश की थी. जिसके बाद सरकारी बयान में उसे मानसिक तौर पर बीमार बताया गया था. उसके बाद हरदेव की पत्नी और परिवार सामने आया था. परिवारवालों ने कहा कि वो दो वक्त की रोटी के लिए परेशान है. घर में खाने को एक दाना तक नहीं है. वो बीते कुछ दिनों से परिवार वालों से उधार का चावल लेकर अपना और अपने बच्चे का पेट पाल रहा था, लेकिन कोई काम न मिलने और बार-बार परिवार वालों से मांगकर खाते हुए वो भी परेशान हो गया था.

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'बेरोजगारी से परेशान हरदेव'

हरदेव की पत्नी बसंती ने ETV भारत से बात करते हुए बताया था कि, लॉकडाउन से पहले उनका परिवार सुखी से जीवन यापन कर रहा था, लेकिन लॉकडाउन के कारण काम छूट गया और हरदेव की आर्थिक स्थिति बिगड़ती चली गई. बसंती ने बताया कि महीने भर पहले रोजगार गारंटी के तहत उसे 4 सप्ताह और हरदेव को 12 दिनों तक काम मिला था, लेकिन उस दौरान कमाए पैसे खत्म हो गए, जिसके बाद कुछ दिनों तक काम मिलने की आस में परिवार वालों से उधार लेकर काम चलाता रहा. जब काम मिलने की सभी उम्मीदें लगभग खत्म हो गई, तो उसने ऐसा कदम उठा लिया.

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