रायपुर: छत्तीसगढ़ के गांधी कहे जाने वाले प्रोफेसर प्रभुदत्त खेरा का 93 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है. प्रोफेसर खेरा पिछले 35 सालों से अमरकंटक के जंगलों में रहकर आदिवासी बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रहे थे. उनके निधन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर शोक जताया है.
सीएम ने लिखा है:
अचानकमार के घने जंगलों के बीच 30 साल तक कुटिया बनाकर बैगा आदिवासियों के बीच शिक्षा का उजियारा फैलाने वाले, दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर डॉ. प्रभुदत्त खेड़ा के निधन की खबर सुनकर मन दुःखी है. डॉ. खेड़ा त्याग, संकल्प और नि:स्वार्थ सेवा की प्रतिमूर्ति थे. विनम्र श्रद्धांजलि