रायपुर: सीएम भूपेश बघेल मंगलवार को डोंगरगढ़ विकास परियोजना के भूमिपूजन समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए. विधानसभा परिसर स्थित अपने कार्यालय कक्ष से डोंगरगढ़ में आयोजित मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर डोंगरगढ़ विकास परियोजना के भूमिपूजन समारोह को सीएम भूपेश बघेल ने संबोधित किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने की. वे भी वर्चुअल माध्यम से समारोह में शामिल हुए. डोंगरगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने भूमिपूजन किया. रायपुर में संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत भी उपस्थित थे.
सीएम भूपेश बघेल ने डोंगरगढ़ विकास परियोजना का किया भूमिपूजन पर्यटकों को मिलेगी विश्वस्तरीय सुविधाएं- सीएम
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि प्रसाद योजना की इस परियोजना के पूरे होने से डोंगरगढ़ आने वाले पर्यटकों को यहां विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी. इससे क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना में मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर की पहाड़ी और प्रज्ञा गिरी पहाड़ी को शामिल किया गया है. यहां चन्द्रगिरी में जैन तीर्थ भी बन रहा है. उसे भी इस परियोजना में जोड़ा जाना चाहिए, ऐसा होने से डोंगरगढ़ जैन, बौद्ध और सनातन धर्म के केन्द्र के रूप में उभरेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि चैत्र और शारदीय नवरात्रि में हजारों लोग डोंगरगढ़ आते हैं. सालभर में यहां लगभग 50 लाख श्रद्धालु जुटते हैं. यहां जन सुविधाओं के विकसित होने से पर्यटकों को काफी सहूलियत होगी. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पर्यटन के विकास की काफी संभावनाएं हैं.
अमरकंटक की परियोजना में छत्तीसगढ़ को भी शामिल करने की मांग
केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल से मुख्यमंत्री ने यह आग्रह भी किया कि प्रसाद योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे अमरकंटक की स्वीकृत विकास परियोजना में छत्तीसगढ़ के कबीर चबूतरा, राजमेरगढ़ और उस क्षेत्र के शिव मंदिरों को भी शामिल किया जाना चाहिए. छत्तीसगढ़ से सबसे ज्यादा संख्या में पर्यटक अमरकंटक जाते हैं. नर्मदा परिक्रमा की भांति लोग अमरकंटक परिक्रमा भी करते है. अमरकंटक परिक्रमा का आधा क्षेत्र छत्तीसगढ़ में पड़ता है. उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में अलग-अलग पर्यटन परियोजनाओं के लिए पर्यटन मंत्रालय ने 80 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत दी थी. इस बार प्रसाद योजना में डोंगरगढ़ के लिए 43 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है.
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समय पर होंगी परियोजना पूरी- प्रहलाद पटेल
केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय की ओर से स्वीकृत परियोजनाएं समय पर पूरी होंगी. ताकि पर्यटन से संबंधित दूसरी परियोजनाओं के लिए राशि का आवंटित की जा सके. उन्होंने बताया कि प्रसाद परियोजना के अंतर्गत पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण ऐसे सभी स्थलों में विश्वस्तरीय जन सुविधाएं विकसित करने का काम किया जा रहा है. जहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. उन्होंने बताया कि भारत सरकार की स्वदेश योजना के अंतर्गत पर्यटन स्थलों के मध्य कनेक्टीविटी को बढ़ावा देने का लक्ष्य तय किया गया था. उन्होंने कहा कि पर्यटन स्थलों में सरकार के साथ-साथ समाज को भी मिल कर सुविधाओं के विकास के लिए योगदान दिया जाना चाहिए.
- डोंगरगढ़ पहाड़ी और प्रज्ञा गिरी पहाड़ी पर विकसित की जाएंगी विश्व स्तरीय पर्यटन सुविधाएं.
- मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री से किया आग्रह: चन्द्रगिरी तीर्थ को डोंगरगढ़ विकास परियोजना में किया जाए शामिल.
- अमरकंटक परिक्रमा परिपथ में आने वाले छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल भी शामिल हों अमरकंटक विकास परियोजना में.
- डोंगरगढ़ में श्रीयंत्र के आकार का पिलग्रिम फैसिलिटेशन सेंटर बनेगा.
- ध्यान केंद्र, कैफेटेरिया, लैंडस्केपिंग सुविधा शुरू होगी.
- पर्यटन के विकास में मील का पत्थर साबित होगी यह परियोजना.
सीएम भूपेश बघेल ने डोंगरगढ़ विकास परियोजना का किया भूमिपूजन
विकसित होने से मिलेगा हजारों को रोजगार
केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की ’प्रसाद’ योजना के तहत स्वीकृत इस परियोजना में 43.33 करोड़ रूपए की लागत से डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर की पहाड़ी और प्रज्ञा गिरी पहाड़ी पर विश्वस्तरीय पर्यटन सुविधाएं विकसित की जाएंगी. इसके साथ ही साढ़े नौ एकड़ भूमि पर पिलग्रिम फैसिलिटेशन सेंटर के निर्माण किया जाएगा. श्रीयंत्र के आकार में निर्मित होने वाले यह भवन पूरे प्रोजेक्ट का विशेष आकर्षण होगा. इस निर्माण के अलावा मां बम्बलेश्वरी देवी मंदिर की पहाड़ी पर सीढ़ियों का जीर्णोद्धार, रेलिंग, शेड, पेयजल सुविधा, पगोडा, सोलर प्रकाशीकरण, पार्किंग, सीसीटीवी, तालाब का सौन्दर्यीकरण, बॉयो टॉयलेट, मेडिकल रूम और साईनेज बनाया जाएगा. प्रज्ञागिरी पहाड़ी पर ध्यान केंद्र, कैफेटेरिया, सीढ़ियों का जीर्णोद्धार, पेयजल, सोलर प्रकाशीकरण, साइनेज की सुविधाएं विकसित की जाएंगी. सुविधाओं के विकास से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा.