रायपुर:मुख्यमंत्री भूपेश बघेल(cm bhupesh baghel) ने पड़ोसी राज्यों मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के बढ़ते मामलों को देखते हुए सभी को सतर्क रहने कहा है. उन्होंने दोनों राज्यों में इस नए वेरिएंट की मौजूदगी को देखते हुए अंतर्राज्यीय सीमाओं पर आवाजाही पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने नागरिकों से भी अपील की है कि वे कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए पूरी सावधानी और सतर्कता बरतें. मास्क का उपयोग, हैंड सैनिटाइजेशन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का कड़ाई से पालन करें.
छत्तीसगढ़ में अभी मिल रहे कोरोना के नए मामलों में डेल्टा प्लस वेरिएंट का पता लगाने एम्स रायपुर और रायपुर मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब से एडवांस स्टडी के लिए सैंपल भुवनेश्वर एम्स और अन्य शहरों में भेजे जा रहे हैं. अब तक छत्तीसगढ़ में किसी भी सैंपल में डेल्टा प्लस वेरिएंट नहीं पाया गया है.
कोरोना का 'डेल्टा प्लस' वेरिएंट है घातक
भारत में कोरोना संक्रमण (covid-19 infection) की दूसरी लहर का कहर धीरे-धीरे कम हो रहा है लेकिन वायरस का बदलता रूप यानि म्यूटेशन (mutation) पूरी दुनिया को डरा रहा है. वैज्ञानिकों ने साफ किया है कि कोरोना वायरस लगातार बदल रहा है जो इसको और भी घातक बना रहा है. वैज्ञानिकों ने माना है कि भारत में कोहराम मचा चुका कोरोना का डेल्टा वेरिएंट (delta) ने फिर से अपना रूप बदल लिया है. जिसे डेल्टा प्लस (delta plus) कहा जा रहा है.
डेल्टा प्लस को लेकर क्या कहते हैं विशेषज्ञ ?
लखनऊ के केजीएमयू की माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. शीतल वर्मा (Microbiologist Dr Sheetal Verma) के मुताबिक, अभी तक हुए अध्ययन में डेल्टा वेरिएंट (B.1.617.2) को कोरोना वायरस का सबसे संक्रामक रूप बताया जा रहा था. वहीं अब डेल्टा वेरिएंट, डेल्टा प्लस में बदल गया है. इसलिये ज्यादा सतर्क और ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है.
महाराष्ट्र में 47 बार स्वरूप बदल चुका वायरस
महाराष्ट्र में किए अध्ययन में तीन महीने के दौरान वहां अलग-अलग जिलों के लोगों में नए-नए 47 वेरिएंट मिले है. वैज्ञानिकों को अंदेशा यह भी है कि प्लाज्मा, रेमडेसिविर और स्टेरॉयड युक्त दवाओं के जमकर हुए इस्तेमाल की वजह से म्यूटेशन को बढ़ावा मिला है. इसीलिए दूसरे राज्यों में भी सीक्वेंसिंग को बढ़ाने की जरूरत है. यह अध्ययन पुणे स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी), भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और नई दिल्ली स्थित नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) द्वारा संयुक्त तौर पर किया गया.
सावधान: कोरोना का 'डेल्टा प्लस' वेरिएंट है घातक, दवाओं के असर पर भी संशय
इन राज्यों में सीक्वेंसिंग बढ़ाने का सुझाव
डॉ. शीतल वर्मा के मुताबिक, वैज्ञानिकों ने उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान, केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना सहित उन राज्यों में जीनोम सीक्वेंसिंग (genome sequencing) सीक्वेंसिंग बढ़ाने की अपील की है, जहां पिछले दिनों सबसे ज्यादा संक्रमण का असर देखने को मिला था. इन राज्यों में कई जिले ऐसे भी थे, जहां संक्रमण दर 40 फीसदी तक पहुंच गई थी. ऐसे में यहां सीक्वेंसिंग को बढ़ाने की आवश्यकता है.