जगदलपुर:विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरे की मुरिया दरबार रस्म में प्रदेश के मुखिया सीएम भूपेश बघेल भी शामिल हुए. यहां सबसे पहले उन्होंने मां दंतेश्वरी के दर्शन और पूजा-अर्चना की. इसके बाद सीएम सिरहासार पहुंचे और मुरिया दरबार में शामिल हुए. जहां पगड़ी पहनाकर उनका स्वागत किया गया. इस दौरान सीएम बघेल ने निर्देश दिया कि सभी मांझी और चालकी के वनाधिकार पट्टे के आवेदन लेकर 6 महीने के अंदर उन्हें पट्टा दे दिया जाए.
सीएम भूपेश ने कहा कि सैंकड़ों साल से इस पर्व का आयोजन होता रहा है. बस्तर दशहरा न सिर्फ देश में प्रसिद्ध है, बल्कि विदेशों में इस पर्व की विशेष पहचान रही है. बस्तर दशहरा में सभी समाज और वर्ग के लोग शामिल होते हैं. सीएम बघेल ने कहा कि ग्रामीणों ने रथ बनाने के लिए पेड़ काटकर लकड़ी दी, लेकिन उन्होंने पौधरोपण का भी संकल्प लिया. उनकी इस सोच को सलाम है और आदिवासी भाइयों को बधाई देता हूं.
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मुख्यमंत्री ने बस्तर दशहरा के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मांझी चालकी, मेम्बर, मेम्बरीन, सेवादार, मुखिया और समिति के सभी पदाधिकारियों के मानदेय को बढ़ाने की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष और बस्तर सांसद दीपक बैज द्वारा मांझी चालकियों की तरफ से उठाई गई मांगों पर 20 से ज्यादा घोषणाएं की.
पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही परंपरा
दरसअल, बस्तर दशहरा में बस्तर संभाग के सभी ग्रामीण हर साल दशहरा पर्व में शामिल होते हैं और इन्हीं ग्रामीणों में से दशहरा समिति में मांझी और चालकी मेम्बर, मेम्बरीन, मुखिया, पुजारी और सेवादार हैं. पीढ़ी दर पीढ़ी उन्हीं परिवार से ये मांझी चालकी बनते आ रहे हैं. रियासत काल में हर एक गांव से एक-एक ग्रामीण उनके गांव का प्रतिनिधित्व बस्तर दशहरा में करते थे. आज भी इसी परंपरा से बस्तर दशहरा मनाया जा रहा है. पिछले कई सालों से इनके द्वारा मानदेय बढ़ाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन को आवेदन दिया जा रहा था. जिनकी मांगों पर विचार करते हुए सीएम बघेल ने ये घोषणाएं की है.
मुख्यमंत्री ने की ये प्रमुख घोषणाएं-
- सभी मांझी और चालकी के वनाधिकार पट्टे के आवेदन लेकर 6 महीने के अंदर उन्हें पट्टा दे दिया जाए
- चालकियों को अब 1 हजार रुपये मानदेय दिया जाएगा, पहले 650 रुपये मिलता था
- काछनदेवी और रैलादेवी समिति को वार्षिक 1500 रुपये मानदेय दिया जाएगा
- काछनगुड़ी का 20 लाख रुपये की लागत से जीर्णोद्धार किया जाएगा
- माझियों का मानदेय 1,350 से बढ़ाकर 2 हजार रुपये प्रतिमाह
- मेंबरिन का मानदेय 1 हजार से बढ़ाकर 1 हजर 100 रुपये
- 21 पुजारियों का मानदेय 3 हजार से बढ़ाकर 3500 रुपये किया गया
- जोगी बिठाई करने वाले लोगों को 11 हजार रुपये
- रथ निर्माण करने वाले दल को 21 हजार रुपये दिए जाएंगे