छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

ढ़ीमर समाज के शपथ ग्रहण समारोह में सीएम बघेल हुए शामिल, किए कई ऐलान ! - मछली पालन को मिला कृषि का दर्जा

रायपुर में धीवर समाज का महासम्मेलन आयोजित किया गया. इस आयोजन में ढ़ीमर समाज के लोगों का शपथग्रहण हुआ. सीएम भूपेश बघेल ने इस मौके पर मछुआ समाज के लिए कई बड़े ऐलान किए.

swearing in ceremony of Dhimar society
धीवर समाज का महासम्मेलन

By

Published : Jul 31, 2022, 8:54 PM IST

रायपुर: सीएम भूपेश बघेल ढ़ीमर समाज (धीवर समाज) के शपथग्रहण समारोह में शामिल हुए. इस मौक पर उन्होंने कहा कि इस बार जमीन से जुड़े लोगों को जिम्मेदारी मिली है. हम छत्तीसगढ़ के लोगों की आर्थिक स्थिति सुधारने का काम कर रहे हैं. 20 अगस्त को छत्तीसगढ़ राजीव गांधी किसान न्याय योजना की दूसरी किस्त जारी की जाएगी. अब प्रदेश में गोबर खरीदी के साथ साथ गौमूत्र की भी खरीदी हो रही है. गोबर खरीदी के दो साल बाद यह सुविधा शुरू की गई है.

केवट और ढीमर समाज के लोगों को शून्य प्रतिशत पर मिलेगा लोन: सीएम भूपेश बघेल ने कहा है कि ढ़ीमर समाज के लोगो को जीरो परसेंट पर लोन की सुविधा दी जाएगी. छत्तीसगढ़ के लोगों को सशक्त बनाने का काम किया जाएगा. ताकि छत्तीसगढ़ सशक्त बन सके. ढ़ीमर और केवट समाज के लोग छोटे जगह में भी मछली का पालन कर सकें. इसकी कोशिश की जा रही है. केवट और ढीमर समाज को हर तरह की छूट दी जा रही है. उनका टैक्स माफ भी किया जा रहा है. जमीन की मांग को मंजूर कर लिया गया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य में मछली पालन के लिए 30,000 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई बांधों एवं जलाशयों से नहर के माध्यम से जलापूर्ति आवश्यकता पड़ती थी. इसके लिए मछली पालक किसानों को 10 हजार घन फीट पानी के बदले 4 रुपए का शुल्क देना पड़ता था. लेकिन अब उन्हें एक भी पैसा देने की जरूरत नहीं रह गई है

ये भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में मछुआ समुदाय आर्थिक ही नहीं बल्कि सभी स्थिति में पिछड़ा हुआ है: एम आर निषाद

मछली पालन को मिला कृषि का दर्जा: इस मौके पर कृषि एवं पंचायती मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि बघेल सरकार ने मछली पालन को कृषि का दर्जा दिया है. अब एमआर निषाद की अध्यक्षता में मछुआ कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है. अब इन्हें पंजीयन में सुविधा मिलेगी. कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि जब से हमारी सरकार बनी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा रही है कि गांवों के मछली पालन करने वाले तालाब स्रोतों पर परंपरागत धीवर समाज को प्राथमिकता मिले. शासन द्वारा उनके हितों की रक्षा के लिए कार्य किया जा रहा है. कृषि मंत्री ने कहा कि मत्स्य पालकों के लिए मछली पालन नीति बनाई गई है. धीवर समाज द्वारा कुछ मुद्दे रखे गए हैं. उसके अनुरूप कार्य किए जाएंगे. यदि किसी गांवों में कोई तालाब निस्तारी के नाम से चिन्हित कर यदि किसी दूसरे वर्ग को आबंटित कर मत्स्य पालन के लिए दिया जाएगा. तो वहां कार्रवाई होगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details