रायपुर: मुख्यमंत्री निवास में हरेली की धूम के बीच गोधन न्याय योजना का आगाज हुआ. इस योजना का शुभारंभ सीएम भूपेश बघेल ने चार किसानों से 48 किलो गोबर खरीद कर किया और किसानों को दो रूपए के हिसाब से 96 रूपए का भुगतान किया. ये देश में अपने तरह की पहली योजना है, जिसके जरिए गोबर खरीदा जा रहा है.
इस योजना के तहत सरकार पशुपालकों से 2 रुपए किलो की दर से गोबर खरीदेगी और फिर उससे जैविक खाद तैयार किया जाएगा. जिससे महिला स्व सहायता समूहों द्वारा वर्मी कंपोस्ट तैयार किया जाएगा. वर्मी कंपोस्ट को 8 रुपए प्रति किलो की दर से सरकार द्वारा खरीदा जाएगा. खरीदे गए गोबर से अन्य सामग्री भी तैयार की जाएंगी.
योजना का उद्देश्य पशुपालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ कृषि लागत में कमी और भूमि की उर्वरा शक्ति में बढ़ोतरी है. इस योजना से पर्यावरण में सुधार के साथ-साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी बड़े बदलाव की उम्मीद है. गोधन न्याय योजना से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा.
हरेली से इसलिए हुई शुरुआत
पारंपरिक रूप से हरेली पर्व कृषि और पर्यावरण से जुड़ा हुआ है इसीलिए गोधन न्याय योजना की शुरुआत के लिए इसी अवसर को चुना गया. प्रदेश के गांवों में सुराजी गांव योजना पहले ही लागू की जा चुकी है, जिसके तहत पांच हजार से ज्यादा गौठानों की स्वीकृति दी जा चुकी है. इनमें से 2,785 गौठान बनकर तैयार हो चुके हैं, शेष का निर्माण तेजी से किया जा रहा है. गोधन न्याय योजना इन्हीं गौठानों के माध्यम से संचालित होगी.