नई दिल्ली: बजट पूर्व बैठक में एक बार फिर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एनपीएस (NPS) की राशि की वापसी, जीएसटी क्षतिपूर्ति की भरपाई, कोल रॉयल्टी की राशि की मांग (CM Baghel attended pre budget meeting in Delhi) की. इसके साथ ही राज्यहित के सभी मुद्दे केंद्रीय वित्त मंत्री के सामने रखे. दिल्ली के मानेक शॉ सेन्टर में आयोजित बजट पूर्व बैठक में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister) के साथ अन्य राज्यों के वित्तमंत्री भी उपस्थित रहे. इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आम बजट 2023-24 को लेकर कई प्रस्ताव एवं सुझाव दिये. Pre budget meeting
NPS की राशि पर सीएम की मांग NSDL के पास जमा राशि वापस करने की मांग की:छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि "राज्य शासन के कर्मचारियों एवं उनके परिवार के सुरक्षित भविष्य के लिए हमने पुरानी पेंशन योजना लागू की है. एनएसडीएल (NSDL) के पास 31 मार्च तक जमा 17240 करोड़ की राशि वापस (Demand to return NPS money) की जाये. ताकि कर्मचारियों के सामान्य भविष्य निधि में राशि डाली जा सके." बघेल ने बताया कि "राज्य शासन का अंश अलग पेंशन निधि में जमा रखा जाएगा, जिसका उपयोग भविष्य में पेंशनरी दायित्वों को पूरा करने के लिए किया जायेगा. इसके साथ ही इसका निवेश भारत सरकार व राज्य सरकार की प्रतिभूतियों में किया जाएगा." pre budget meeting
जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि भी वापस करने की रखी मांग: बैठक में जीएसटी क्षतिपूर्ति की 1875 करोड़ की राशि की मांग करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा "हमने जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान की व्यवस्था को जून 2022 के बाद आगामी पांच वर्षों के लिए जारी रखने का अनुरोध किया था, लेकिन इसमें वृद्धि नहीं की गयी." इसके साथ ही उन्होंने कोल रॉयल्टी की 4140 करोड़ की राशि राज्य को जल्द ट्रांसफर करने का आग्रह किया. उन्होने केंद्रीय सुरक्षा बलों पर व्यय 1288 करोड़ की राशि तथा राज्य में तैनात 4 विशेष एवं भारत रक्षित वाहिनियों पर राज्य सरकार द्वारा किए व्यय 313 करोड़ जल्द देने का आग्रह किया.
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सी मार्ट की तर्ज पर विपणन केन्द्रों की स्थापना की मांग: बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि "छत्तीसगढ़ में कोदो, कुटकी एवं रागी (मिलेट्स) की खेती प्रमुखता से की जाती है. संयुक्त राष्ट्र द्वारा भी वर्ष 2023 को ‘इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट’ घोषित किया गया है." उन्होंने केंद्र से आग्रह किया कि "मिलेट्स फसलों को बढ़ावा देने के लिए कोदो एवं कुटकी फसल की न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किये जाये." इसके साथ ही बैठक में मुख्यमंत्री ने सी-मार्ट की तर्ज पर विपणन केन्द्रों की स्थापना की मांग की. ताकि कृषि, हस्तशिल्प, लघु वनोपज उत्पादों को बढ़ावा मिल सके.
मुख्यमंत्री ने कई अहम मसलों पर दिये सुझाव: मुख्यमंत्री ने इसके अलावा मुख्य खनिजों की रॉयल्टी दरों में संशोधन, बेहतर वित्तीय प्रबंधन वाले राज्यों को प्रोत्साहन अनुदान, विशेष सहायता योजना को जारी रखने सहित रायपुर में इंटरनेशनल कार्गो टर्मिनल शुरू करने और केंद्रीय योजनाओं में केंद्रांश बढ़ाने संबंधी सुझाव भी बैठक में दिये.
धान बारदाने की आवश्यकता पर भी हुई चर्चा: मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022-23 में केंद्रीय पूल में 57 लाख मीट्रिक टन अरवा व 4 लाख मीट्रिक टन उसना चावल का लक्ष्य दिया गया है। उन्होंने केंद्र सरकार से 14 लाख मीट्रिक टन उसना चावल का लक्ष्य निर्धारित करने का अनुरोध किया। इसके साथ उन्होंने नए जूट बारदाने की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की मांग भी की।Conclusion: