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छत्तीसगढ़ से 'बिलेट्स' की हो रही चाइना सप्लाई, प्रदेश सहित देश के उद्योग हुए प्रभावित !

देश में चाइना के सामानों का बहिष्कार किया जा रहा है. यहां तक कि केंद्र ने चाइना के मोबाइल ऐप पर भी रोक लगा दी है, जिसके बाद लोग अपने मोबाइल से चाइना ऐप डिलीट कर रहे हैं. ताकि चाइना को सबक सिखाया जा सके, लेकिन इसी बीच छत्तीसगढ़ से भारी मात्रा में बिलेट्स (लौह अयस्क) चाइना भेजे जाने की बात सामने आ रही है. ऐसे में लोहा कारोबारियों में नाराजगी देखने को मिल रही है.

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छत्तीसगढ़ से बिलेट्स की हो रही चाइना सप्लाई

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Published : Aug 20, 2020, 10:57 PM IST

रायपुर: भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में गतिरोध की स्थिति बनी हुई है. पिछले महीने गलवान घाटी में हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के बाद तनाव और बढ़ गया है. देशवासियों में चीन को लेकर एक तो कोरोना वायरस और जवानों के बीच हिसंक झड़प से खासा आक्रोश है. इसे लेकर देश में चाइना के सामानों का बहिष्कार किया जा रहा है. यहां तक कि केंद्र ने चाइना के मोबाइल ऐप पर भी रोक लगा दी है, जिसके बाद लोग अपने मोबाइल से चाइना ऐप डिलीट कर रहे हैं. ताकि चाइना को सबक सिखाया जा सके, लेकिन इसी बीच छत्तीसगढ़ से भारी मात्रा में बिलेट्स (लौह अयस्क) चाइना भेजे जाने की बात सामने आ रही है, जिससे लोहे के कारोबार में चाइना मजबूत हो रहा है. छत्तीसगढ़ से अत्यधिक मात्रा में बिलेट्स चाइना भेजे जाने के कारण प्रदेश में बिलेट्स की कमी हो गई है, जिस वजह से प्रदेश में लगातार लोहे की कीमतों में बढ़ोतरी होती जा रही है. साथ ही इससे संबंधित कुछ उद्योग धंधे बंद होने की कगार पर हैं. यह दावा छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन एसोसिएशन ने किया है.

छत्तीसगढ़ से बिलेट्स की हो रही चाइना सप्लाई
क्या है बिलेट्सआपको बताते हैं कि बिलेट्स क्या होते हैं. यह एक सेमि-फिनिश्ड उत्पाद है, जो ब्लूम्स के समान है, लेकिन अपेक्षाकृत कम क्रॉस सेक्शनल आकार (सामान्यतः 5"×5"/7"×7"आकार का या इससे कम आकार का) का होता है. लंबे फिनिश्ड इस्पात उत्पादों (बार्स) और रॉड्स लाइट सेक्शनों आदि के उत्पादों के लिए आदान के रूप में इसका उपयोग किया जाता है. संक्षेप में इसे लौह अयस्क का एक रूप बी समझा जा सकता है. लोहा कारोबारी निशांत श्रीवास्तव कहते हैं कि आम दिनों की अपेक्षा इन दिनों प्रदेश से अत्यधिक मात्रा में लौह अयस्क चाइना भेजा जा रहा है, जिस वजह से प्रदेश में शॉर्टेज हो गई है. यही कारण है कि प्रदेश में लोहे की कीमते आसमान छूती जा रही है.
छत्तीसगढ़ से बिलेट्स की हो रही चाइना सप्लाई

बिलेट्स की सप्लाई चाइना आबाद हो रहा चाइना

छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल नाचरानी का कहना है कि बरसात के दिनों में उत्खनन कम हो जाता है. ऐसे में लोहा कारोबारी बिलेट्स का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन कोरोना काल में पिछले 4 महीने से लगातार बिलेट्स चाइना भेजा जा रहा है, जिस वजह से प्रदेश में बिलेट्स की कमी हो गई है. आलम यह है कि आज इस कोरोना काल में अत्यधिक मात्रा में बिलेट्स की सप्लाई चाइना होने के कारण यहां के उद्योग धंधे बंद होने की कगार पर हैं. नाचरानी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के उद्योग से आज चाइना आबाद हो रहा है. देश सहित प्रदेश उद्योग धंधे बर्बाद हो रहे हैं.

चाइना बिलेट्स निर्यात पर रोक लगाने की मांग
नाचरानी ने इस मामले को लेकर केंद्र सहित राज्य सरकारों से मदद की गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि चाइना भेजे जाने वाले बिलेट्स पर एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई जाए या फिर जब तक ओडिशा की खदानें शुरू नहीं हो जाती है. बरसात का सीजन समाप्त नहीं हो जाता है, तब तक के लिए चाईना बिलेट्स निर्यात पर रोक लगाई जाए. निचरानी ने कहा कि अगर सरकार ऐसा कदम उठाती है, तो इससे देश सहित प्रदेश के लोगों को लाभ मिलेगा. सरकार को जीएसटी मिलेगी जो कि अभी नहीं मिल रही है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा गया पत्र

साथ ही उन्होंने कहा कि उद्योग धंधे फिर से गति पकड़ेंगे तो रोजगार के साधन मुहैया होंगे. बाजार में लोहे की कमी दूर होगी उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को देश-विदेश में लोहे के उत्पादन के नाम पर ही जाना जाता था, लेकिन यह एक गंभीर विषय है कि आज वही प्रदेश लोहे की कमी से जूझ रहा है. उन्होंने कहा कि इस समस्या को लेकर एसोसिएशन की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा गया है. साथ ही मुख्यमंत्री से भी मिलने का समय मांगा गया है, जिससे चाइना भेजे जा रहे बैलट की सप्लाई पर रोक लगाई जा सके या फिर इसका समाधान खोजा जा सके.

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