रायपुर: पूरे देश में कोरोना वैक्सीन को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है. ऐसे में अब बात होने लगी है प्राथमिकता की. हाई रिस्क जोन में रहने वाले बच्चों को प्राथमिकता की लिस्ट से बाहर रखा गया है. इसकी वजह जानने के लिए ETV भारत ने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रिमझिम श्रीवास्तव से बात की. उनका कहना था कि अब तक जितने भी व्यक्ति पर वैक्सीन का ट्रायल हुआ है उसमें कहीं भी बच्चों को शामिल नहीं किया गया है. जब तक बच्चों पर ट्रायल नहीं किया जाएगा तब तक यह प्रमाणित नहीं हो पाएगा कि वैक्सीन बच्चों के लिए सेफ है या नहीं.
कोरोना वैक्सीन की प्राथमिकता पर बातचीत उन्होंने ये भी कहा कि बच्चे, लोगों के ज्यादा संपर्क में नहीं आते हैं. इसलिए भी ज्यादा बच्चे संक्रमित नहीं हुए हैं. इसलिए भी उन्हें अभी वैक्सीन की जरूरत नहीं है. इस दौर में जरूरी है कि बच्चों का खास ख्याल रखें. यदि घर के सदस्य बाहर आ जा रहे हैं तो वह बच्चों के सीधे सम्पर्क में न आएं. यदि वे किसी संक्रमित व्यक्ति से मिलते हैं तो बच्चों से दूरी बनाकर रखें. पढ़ें :छत्तीसगढ़ में बढ़ा रिकवरी रेट, लेकिन खतरा टला नहीं
बच्चों को संपूर्ण आहार दिया जाए
आहार को लेकर डॉक्टर श्रीवास्तव ने कहा कि इस वक्त जरूरी है कि बच्चों को संपूर्ण आहार दिया जाए. ताकि उनका स्टैमिना बना रहे. साथ ही इम्युनिटी भी बनी रहे. डॉ श्रीवास्तव ने कहा कि अभी तक ऐसी कोई दवाई नहीं बनी है. जिससे देखकर यह कहा जा सके कि खाने के बाद कोरोना वायरस नहीं होगा. अभी सिर्फ यही विकल्प है कि हम सुरक्षित रहें खुद को सुरक्षित रखें.
सबसे कम संक्रमित बच्चे हुए
वहीं आईसीएमआर के सदस्य डॉ राकेश गुप्ता ने कहा कि बच्चों पर ट्रायल नहीं हुआ है. हम आंकड़े देखें तो सबसे कम बच्चे ही संक्रमित हुए हैं. ऐसे में व्यक्ति में उनका नाम प्राथमिकता पर नहीं है.
कोरोना वैक्सीन की प्राथमिकता से बच्चे अभी दूर