रायपुर : मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना अंतर्गत समस्त वर्ग के इच्छुक भूमि स्वामी पात्र होंगे. इसके अलावा शासकीय, अर्धशासकीय और शासन के स्वायत्व संस्थान जो अपने स्वयं के भूमि पर रोपण करना चाहते हैं वे भी योजना के पात्र होंगे. इसी तरह निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाएं, पंचायतें, भूमि अनुबंध धारक, जो अपने भूमि में रोपण करना चाहते हैं, वे भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं.
किनको मिलेगा अनुदान :इस योजनांतर्गत राज्य शासन 5 एकड़ तक वृक्षारोपण के लिए 100 फीसदी अनुदान, 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र में वृक्षारोपण के लिए 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान देगी. योजना में मुख्य रूप से 05 वृक्ष प्रजातियों की खेती के लिए कृषकों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. जिनमें टिशू कल्चर बांस, क्लोनल नीलगिरी, मिलिया डूबिया, टिशू कल्चर सागौन और सफेद चंदन शामिल हैं.
क्या है योजना का लक्ष्य :मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ में वाणिज्यिक वृक्षारोपण को बढ़ावा देना है. इसके तहत राज्य के सभी कृषकों, शासकीय, गैर शासकीय, अर्धशासकीय, पंचायतें और निजी संस्थानों की भूमि पर वृक्षारोपण किया जाएगा. व्यावसायिक प्रजातियों के वृक्षारोपण के बाद सहयोगी संस्था, निजी कंपनियों के माध्यम से निर्धारित समर्थन मूल्य पर वनोपज के क्रय की व्यवस्था करेगी.साथ ही एक सुदृढ़ बाजार व्यवस्था का भी निर्माण किया जाएगा.
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कितना रखा गया है लक्ष्य :इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख संजय शुक्ला ने बताया कि '' मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना में राज्य में इस वर्ष 12 प्रकार के प्रजाति के वृक्ष का 30 हजार एकड़ रकबे में रोपण किया जाना है. इनमें से क्लोनल यूकलिप्टस का 17 हजार 182 एकड़ में, रूटशूट टीक का 6 हजार 456 एकड़, टिश्यू कल्चर का 2 हजार 617 एकड़ , चंदन का 462 एकड़ में 1 हजार , मिलिया डूबिया का 34 एकड़ में 8 सौ , सामान्य बांस का 37 एकड़ में 7 सौ , टिश्यू कल्चर बम्बू का 7 एकड़ में 6 सौ , रक्त चंदन का 26 एकड़ में 1 सौ , आंवला का 43 एकड़ में , खमार का 40 एकड़ में, शीशम का 20 एकड़ में और महानीम का 20 एकड़ रकबे में लगाने का लक्ष्य है.